कश्मीर में भारतीय सैनिकों का जोश देखकर खुद ठंड के छूट रहे हैं पसीने

By नीरज कुमार दुबे | Jan 21, 2022

ठंड के इस मौसम में जब अधिकांश लोग घरों में दुबके बैठे हैं, या बाहर हाथ ताप रहे हैं या चाय या फिर कोई गर्म पेय पीकर अपने को गर्म रखने का प्रयास कर रहे हैं तब हमारे जवान देश की सीमाओं की रक्षा के लिए इस भीषण ठंड में भी पहरेदारी कर रहे हैं। जी हाँ, जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में कमर तक की बर्फ की मोटी चादर के बीच भारतीय जवान भीषण ठंड एवं दुर्गम क्षेत्र के बावजूद गश्त करते हैं और नियंत्रण रेखा के उस पार से घुसपैठ के लिए तैयार बैठे आतंकवादियों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं। आतंकवादियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जवान पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा के समीप 7000 फुट की ऊंचाई पर बर्फ को चीरते हुए रोज अग्रिम चौकी पर जाते हैं। हमारे जवान जानते हैं कि यदि पलक भी झपकी तो आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं इसलिए किसी भी हालात में निगरानी बनाये रखते हैं।

इसे भी पढ़ें: दरबार मूव प्रथा बंद होने से प्रशासन के तो करोड़ों रुपए बच रहे हैं लेकिन जम्मू के व्यापारियों को नुकसान हो रहा है

अपने निगरानी उपकरणों से अग्रिम चौकी पर निगरानी कर रहे सैनिकों का कहना है कि बर्फबारी हो या नहीं, सर्द मौसम हो या खतरनाक खाई या फिर भले ही हमलों का खतरा हो, हमारा मनोबल नियंत्रण रेखा के आसपास सदैव चौकसी के लिए हमेशा ऊंचा रहता है। सैनिकों का कहना है कि हम ऐसी स्थितियों एवं परिस्थितियों से डरते नहीं हैं। हम आपको बता दें कि इन सैनिकों को हमेशा चालबाज दुश्मन सैनिकों के नापाक मंसूबों से नहीं निबटना होता बल्कि घुसपैठ की फिराक में बैठे आतंकवादियों, पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम के हमले के खतरे, प्रतिकूल मौसम और स्थलाकृति से भी हमेशा लोहा लेना पड़ता है। जवानों को नियंत्रण रेखा की रखवाली की खातिर लंबी गश्त के दौरान बर्फ, भीषण सर्दी और दुर्गम क्षेत्र से दो-चार होना पड़ता है।


नियंत्रण रेखा पर बादल छा जाने या बर्फ गिरने के दौरान दृश्यता इतनी घट जाती है कि महज कुछ मीटर की दूरी पर भी कुछ नहीं दिख रहा होता है लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी जवानों को अपना ध्यान रखते हुए पाकिस्तान के मंसूबों को भी नाकाम करना होता है। सर्दियों के दौरान रस्सियों की मदद से नियंत्रण रेखा पर गश्त के लिए सेना अग्रिम एवं पहाड़ी चौकियों पर रस्सियों का जाल तैयार करती है। हिमपात के कारण जवान रस्सियों की मदद से आते-जाते हैं और नियंत्रण रेखा पर गश्त करते हैं। सर्दियों से पहले इसे रणनीति के तौर पर क्षेत्र में लगा दिया जाता है। अब तो जवानों के पास इजराइल निर्मित मशीन गन ‘नेगेव एनजी-7’ और उच्च प्रौद्योगिकी निगरानी उपकरण समेत नयी प्रकार की राइफल हैं। हम आपको बता दें कि एनजी-7 एसएलआर स्वचालित राइफल है और यह एक मिनट में 600-700 गोलियां दाग सकती हैं। पिछले साल ही नियंत्रण रेखा के लिए इसे सेना में शामिल किया गया था। आठ किलो वजनी यह राइफल एक किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकती है।


अधिकारियों का कहना है कि नियंत्रण रेखा पर गश्त करना, लांचिंग पैड एवं घुसैपठ करते आतंकवादियों पर नजर रखना, नियंत्रण रेखा के पार की गतिविधियां देखना, पाकिस्तान की बैट टीम से चौकन्ना रहना एवं किसी घुसपैठ से बाड़ की रक्षा करना रोजाना का काम है। साथ ही, भारतीय सेना को समय-समय पर बदलते मौसम में अपनी सुरक्षा को भी ध्यान रखना होता है।

इसे भी पढ़ें: सप्ताहांत की पाबंदियों से जम्मू-कश्मीर के व्यापारी परेशान, प्रशासन से फैसले पर पुनर्विचार की अपील

जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां बढ़ीं


दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रशासन पाबंदियों को सख्ती से लागू कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में हर शुक्रवार दोपहर 2 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लोगों की गैर-जरूरी आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है। हम आपको बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 6000 के आसपास नये संक्रमण के मामले आये हैं जिसको देखते हुए प्रशासन को यह फैसला लेना पड़ा है। हालांकि इस फैसले के विरोध में आवाजें भी उठ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्रतिबंध बढ़ते हैं तो गरीबों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जोकि कह रहे हैं कि यदि लोग एहतियात नहीं बरतेंगे तो संपूर्ण लॉकडाउन की नौबत भी आ सकती है। आइये देखते हैं प्रभासाक्षी संवाददाता से बातचीत में लोग क्या कह रहे हैं-


31 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद


जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने संयुक्त तलाश अभियान चलाया और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास से 31 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद किया। रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि पुंछ में नियंत्रण रेखा के जरिए मादक पदार्थों की संभावित तस्करी की जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर भारतीय सेना ने पुलिस के साथ अग्रिम क्षेत्र में एक अभियान शुरू किया। नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्रों में चलाए गए अभियान में ‘एकीकृत निगरानी ग्रिड’ ने मदद की। प्रवक्ता ने बताया कि नियंत्रण रेखा के बेहद करीब क्षेत्र में तलाशी अभियान में लगभग 31 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद किया गया।

प्रमुख खबरें

IMF ने पाकिस्तान को 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण की तत्काल मंजूरी दी

Astrology Upay: इन दालों का दान करने से शुभ फलों की होगी प्राप्ति, चमक सकता है आपका भाग्य

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती उत्पादों की मांग

सम्राट चौधरी का बड़ा बयान, भारत के निर्माण में लगे हुए हैं PM Modi, विपक्ष ने किया लूटने का काम