Air India Plane Crash में जांच एजेंसियों को मिला Black Box, जानें अबतक की डिटेल्स

By रितिका कमठान | Jun 14, 2025

अहमदाबाद में गुरुवार 12 जून को बड़ा विमान हादसा हुआ था, जिसे देखकर पूरी दुनिया हैरान रह गई थी। हादसा बेहद भयानक था, जिसमें मृतकों की पहचान भी नहीं हो पाई थी। इस समय लोगों के मन में सवाल है कि आखिर जो विमान सबसे सुरक्षित माना जाता है वो उड़ान भरने के चंद सेकेंड में ही दुर्घटनाग्रस्त कैसे हो सकता है। भारत का एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो भी इस मामले की जांच में जुटा हुआ है।

 

इस हादसे के बाद जांच में अमेरिकी शनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड और ब्रिटेन का एयर एक्सिडेंट्स इनवेस्टिगेशन ब्रांच भी मदद के लिए आगे आया है। एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो की मानें को एयर इंजिया के दुर्घटनाग्रस्त बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान का ब्लैक बॉक्स जांच एजेंसियों को मिल चुका है। विमान के ब्लैक बॉक्स को मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर में इमारत की छत से बरामद किया गया है।

 

बता दें कि ब्लैक बॉक्स वैसे तो काफी छोटा उपकरण होता है, मगर ये बहुत महत्वपूर्ण होता है। फ्लाइट के दौरान ये विमान के बारे में जानकारी साझा करता है। विमानन दुर्घटना होने की स्थिति में ये जांच में भी मदद करता है। ये बॉक्स उड़ान के दौरान कोई रुकावट पैदा नहीं करता और डेटा को रिकॉर्ड करने का काम करता है। अब मॉडर्न विमानों में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर जिसे सीवीआर कहा जाता है होता है। इसके साथ ही डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) होते हैं। ये ही ब्लैक बॉक्स के तौर पर जाने जाते है।

 

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हादसे के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि एएआईबी ने अहमदाबाद में दुर्घटना स्थल से 28 घंटे के बाद फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) बरामद हुआ है। जांच में ये महत्वपूर्ण कदम है। इससे घटना की जांच में मदद मिलेगी। ब्लैक बॉक्स को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए है। अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि वायरल हो रहा बॉक्स असली नहीं है। जो फोटो वायरल हो रही है वो डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर नहीं है। 

 

बोईंग विमानों की होगी जांच

इस गंभीर प्लेन हादसे के बाद डीजीसीए ने भी बड़ा फैसला किया है। एयर इंडिया के बोइंग 787-8/9 विमानों पर सेफ्टी जांच बढ़ाने का निर्देश जारी हुआ है। डीजीसीए की तरफ से मिले निर्देश की मानें तो टेकऑफ से पहले फ्यूल पैरामीटर मॉनिटरिंग व संबंधित सिस्टम की जांच की जाएगी। कैबिन एयर कंप्रेसर, सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल सिस्टम, इंजन फ्यूल ड्रिवन एक्ट्यूएटर का ऑपरेशनल टेस्ट, ऑयल सिस्टम हाइड्रोलिक सिस्टम की सर्विसेबिलिटी और टेक-ऑफ पैरामीटर्स की विस्तृत जांच की जाएगी।

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