By नीरज कुमार दुबे | Jun 14, 2025
आज तड़के ईरान और इज़राइल ने एक-दूसरे पर जोरदार मिसाइल और हवाई हमले किये और जिस तरह से अब इस लड़ाई में अमेरिका ने भी सीधा दखल दे दिया है उससे क्षेत्रीय युद्ध के फैलने का खतरा बढ़ गया है। हम आपको बता दें कि इज़राइल ने अपने दुश्मन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला शुरू किया है ताकि उसे परमाणु हथियार विकसित करने से रोका जा सके तो वहीं ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में इजराइल में दनादन मिसाइल हमले किये हैं। बताया जा रहा है कि ईरानी हमले में तीन इजराइली मारे गये हैं और कुछ लोग घायल हुए हें। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इज़राइल के कई शहरों में जिनमें तेल अवीव और यरुशलम भी शामिल हैं, वहां हवाई हमले के सायरन बजने लगे। लोग बंकरों की ओर भागे, जबकि ईरानी मिसाइलों की लहरें आकाश में दिखाई दीं और इज़राइली इंटरसेप्टर उन्हें रोकने के लिए उड़ान भरते नजर आए। बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात के दो हमलों के बाद ईरान ने आज हमलों की नई लहरें शुरू कीं। इनमें से एक हमला आज तड़के इज़राइल के व्यावसायिक केंद्र तेल अवीव पर हुआ, जिसकी गूंज यरुशलम तक सुनी गई। ये हमले इज़राइल द्वारा किए गए उन हमलों की प्रतिक्रिया में थे, जिनमें ईरानी कमांडरों, परमाणु वैज्ञानिकों, सैन्य ठिकानों और परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया गया था।
इज़राइल की एम्बुलेंस सेवा के अनुसार, एक मिसाइल के घरों के पास गिरने से एक पुरुष और एक महिला की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। टीवी पर देखा गया कि बचाव दल तेल अवीव के बाहर स्थित रिषोन लेज़ियोन शहर में नष्ट हुए अपार्टमेंटों के मलबे में जीवित लोगों की तलाश कर रहे थे। इज़राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा है कि ईरानी नेतृत्व ने नागरिकों पर हमला करके "लाल रेखा पार कर दी है" और इसके लिए उन्हें "भारी कीमत चुकानी पड़ेगी"। बताया जा रहा है कि ईरान समर्थित हूथी मिलिशिया द्वारा यमन से दागी गई एक मिसाइल ने इज़राइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में पांच फ़िलिस्तीनियों को मार डाला है जिनमें तीन बच्चे भी शामिल थे। यह जानकारी फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने दी है।
उधर, ईरान की राजधानी तेहरान में तड़के कई धमाकों की आवाज़ें सुनी गईं। बताया जा रहा है कि दो मिसाइलें तेहरान के मेहराबाद हवाई अड्डे से टकराईं और वहाँ आग लगने की भी सूचना मिली। यह हवाई अड्डा प्रमुख ईरानी सैन्य ठिकानों के पास स्थित है और यहाँ लड़ाकू विमान और परिवहन विमान तैनात हैं। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत अमीर सईद इरवानी ने बताया है कि इज़राइल के हमलों में 78 लोग मारे गए हैं, जिनमें वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं और 320 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं।
उधर, दो अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि अमेरिकी सैन्य बलों ने इज़राइल की ओर जा रही ईरानी मिसाइलों को मार गिराने में मदद की। इज़राइल की सेना ने कहा कि ईरान ने शुक्रवार को 100 मिसाइलें दागीं, जिनमें से अधिकांश या तो मार गिराई गईं या अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचीं। इज़राइली अधिकारियों ने कहा कि ईरान के परमाणु ठिकाने नतांज़ को गंभीर नुकसान पहुंचा है, लेकिन वास्तविक क्षति का आंकलन होने में समय लग सकता है। हम आपको बता दें कि पश्चिमी देशों ने लंबे समय से आरोप लगाया है कि ईरान वहां बम निर्माण योग्य यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के दूत डैनी डैनॉन ने कहा कि खुफिया जानकारी से पुष्टि हुई है कि ईरान कुछ ही दिनों में कई बमों के लिए आवश्यक यूरेनियम तैयार कर सकता था। उन्होंने इज़राइल की कार्रवाई को "राष्ट्रीय अस्तित्व की रक्षा" बताया। हम आपको यह भी बता दें कि ईरान लंबे समय से कहता आया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल नागरिक उद्देश्यों के लिए है, लेकिन इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था ने निष्कर्ष निकाला था कि ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन किया है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने सुरक्षा परिषद को बताया कि नतांज़ का सतह पर स्थित प्लांट नष्ट हो चुका है। उन्होंने कहा कि इज़राइली हमलों से फ़ोर्डो और इस्फहान स्थित अन्य दो परमाणु केंद्रों की स्थिति की जांच अभी जारी है।
दूसरी ओर, इन हमलों और जवाबी कार्रवाइयों ने क्षेत्रीय युद्ध के फैलने की आशंका को बढ़ा दिया है। इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई ने इज़राइल पर युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया है। वहीं एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने कहा है कि इज़राइल में कोई जगह सुरक्षित नहीं है और बदला "दर्दनाक" होगा। ईरान ने अमेरिका पर इन हमलों में मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका इसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी साझा करता है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अभी देर नहीं हुई है और तेहरान अब भी परमाणु कार्यक्रम पर समझौता कर इज़राइली बमबारी को रोक सकता है।
हम आपको बता दें कि तेहरान और ट्रम्प प्रशासन के बीच एक नए समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी, जो 2018 में ट्रम्प द्वारा छोड़े गए पुराने समझौते की जगह ले सके। लेकिन ईरान ने अमेरिका का अंतिम प्रस्ताव खारिज कर दिया। रविवार को ओमान में वार्ता फिर से शुरू होनी है, लेकिन ईरान ने कहा है कि अब वार्ता में भाग लेने का कोई मतलब नहीं है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ''अमेरिका ने ऐसा व्यवहार किया है जिससे संवाद का कोई मतलब नहीं बचता। आप बातचीत का दावा और साथ ही साथ ज़ायोनी शासन (इज़राइल) को ईरान की ज़मीन पर हमला करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं।"