IRDAI ने स्वास्थ्य बीमा से उम्र और रोग सम्बन्धी बंदिश हटाई, अब 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग या रोगी भी बेधड़क ले सकेंगे हेल्थ इंश्योरेंस

By कमलेश पांडे | May 06, 2024

आये दिन विकसित होती शहरी संस्कृति में स्वास्थ्य बीमा अब हर किसी की अनिवार्य जरूरत बन चुकी है। खासकर बुजुर्गों और रोगियों के लिए यह तो बरदान साबित होने वाली है। इसी उद्देश्य से इंश्‍योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे इसके कारोबार में भी आशातीत बढ़ोतरी होगी।


आईआरडीएआई के नए नियम के मुताबिक, अब कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के लिए पात्र है। वहीं, अब गंभीर बीमारी जैसे कैंसर और एड्स से पीड़ित रोगी भी मनमाफिक पॉलिसी ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त, पहले से भी किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों के हिसाब से कंपनियों को बीमा पॉलिसी लानी होंगी, ताकि उनके हितों की भी रक्षा की जा सकी।

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बहरहाल, आईआरडीएआई ने जहां एक ओर हेल्थ इंश्योरेंस के वेटिंग पीरियड को घटा दिया है, वहीं दूसरी ओर गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को भी हेल्थ इंश्योरेंस कराने का अवसर प्रदान किया है। नये नियमों के मुताबिक, अब किसी भी उम्र के बुजुर्ग हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी ले सकेंगे। क्योंकि मार्च 2024 तक केवल 65 साल की उम्र तक के लोग ही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते थे, लेकिन 1 अप्रैल 2024 से स्थिति बदल चुकी है। अब 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग भी अपनी हेल्थ पॉलिसी ले सकेंगे। इतना ही नहीं, अब कैंसर और एड्स जैसी गम्भीर बीमारियों से पीड़ित लोग भी इस पॉलिसी का लाभ उठा सकेंगे।


ऐसा इसलिए कि आईआरडीएआई ने 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज के लिए यह नियम लागू किया है। जिसके मुताल्लिक अब किसी भी उम्र का व्यक्ति नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकता है। दरअसल, इरडाई ने मैक्सिमम एज लिमिट को खत्म करते हुए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें स्पष्ट कहा है कि तमाम बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि उनके पास अब सभी एज ग्रुप के लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स उपलब्ध हों। इसके अलावा, रेग्युलेटर ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स को सीनियर सिटीजंस के हिसाब से इंश्योरेंस पॉलिसीज लाने और उनके क्लेम व शिकायतों से निपटने के लिए डेडिकेटेड चैनल स्थापित करने के भी निर्देश दिए हैं।


वहीं, आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों को पहले से किसी भी प्रकार की चिकित्सीय स्थिति वाले व्यक्तियों को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां देने का आदेश भी दिया है। इसमें बीमा कंपनियों को हार्ट, कैंसर और एड्स जैसी गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को पॉलिसी जारी करने से मना करने से भी प्रतिबंधित किया गया है। कहने का तातपर्य यह कि कंपनियां इन गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को पॉलिसी बेचने से मना नहीं कर सकती हैं। इससे भारत के लाखों बीमार लोगों के बीच उम्मीद की एक नई किरण जगी है।


बता दें कि आईआरडीएआई ने हेल्थ इंश्योरेंस के नियमों में पॉलिसीधारकों के लिए वेटिंग पीरियड कम करने और क्लेम सेटलमेंट की शर्तों में सुधार पर जोर दिया है। इरडाई ने हेल्थ इंश्योरेंस वेटिंग पीरियड को भी 48 महीने के बजाय घटाकर 36 महीने कर दिया है, जबकि आयुष उपचार कवरेज पर कोई सीमा नहीं है। आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी प्रणालियों के तहत उपचार को बिना किसी सीमा के बीमा राशि तक कवरेज मिलेगा। 


इतना ही नहीं, आईआरडीएआई ने कहा कि बीमाकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि वे सभी आयु समूहों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हेल्थ इंश्यारेंस प्रोडक्ट की पेशकश करें। विशेष रूप से सीनियर सिटीजंस, स्टूडेंट्स, बच्चों और सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्दिष्ट किसी भी अन्य ग्रुप के लिए प्रोडक्ट डिजाइन कर सकते हैं।


आईआरडीएआई के सर्कुलर के मुताबिक, बीमाकर्ताओं को पॉलिसीधारकों की सुविधा के लिए किस्‍तों में प्रीमियम भुगतान की पेशकश करने की अनुमति दी गई है। वहीं, ट्रैवल पॉलिसियां केवल सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं की ओर से ही पेश की जा सकती हैं। नए नियमों के मुताबिक, इंश्योरेंस कंपनियां लगातार 60 महीने की कवरेज के बाद मौजूदा स्थिति के बारे में खुलासा नहीं करने और गलत बयानी के आधार पर कस्टमर के किसी भी बीमा क्लेम को खारिज नहीं कर सकेंगी। इससे स्वास्थ्य बीमा बाजार को एक नई मजबूती मिलने के आसार बढ़ गए हैं।


- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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