By अनुराग गुप्ता | Mar 27, 2021
नयी दिल्ली। क्या महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद से टीम इंडिया की 'कुलचा' जोड़ी कमजोर हो गई है ? यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ मैचों में स्पिनर्स का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। भारत अभी इंग्लैंड के साथ सीरीज खेल रहा है। इसमें यजुवेंद्र चहल का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। हालांकि एकदिवसीय मुकाबले में उन्हें मौका नहीं दिया गया। दोनों खिलाड़ी लंबे समय से एक साथ नहीं खेले हैं।
धोनी ने 'कुलचा' को निखारा
एकदिवसीय मुकाबले में लंबे समय से एक साथ मुकाबला नहीं खेले अश्विन और जडेजा की जोड़ी की कमी क्रिकेटप्रेमियों को हमेशा खलती थी लेकिन फिर कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल की जोड़ी ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंकाया था। जिसकी वजह से 'कुलचा' के नाम से यह जोड़ी फेमस हुई। हालांकि, इस जोड़ी को निखारने का या कहें धार देने का काम महेंद्र सिंह धोनी ने किया।
भले ही टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली रहे हों लेकिन विकेट के पीछे से धोनी ने हमेशा ही कुलदीप और यजुवेंद्र चहल का मार्गदर्शन किया है। धोनी की मौजूदगी में कुलदीप यादव ने कुल 47 मुकाबले खेले है। जिनमें उन्होंने 22.53 की औसत से 91 विकेट चटकाए। जबकि यजुवेंद्र चहल ने 46 मैच में 25.32 की औसत से 81 विकेट झटके हैं।
धोनी के बिना सफर मुश्किल !
महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त 2020 की शाम को अचानक से इंस्टाग्राम पर एक वीडियो अपलोड करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद से 'कुलचा' का प्रदर्शन गिरने लगा। धोनी विकेट के पीछे से कुलदीप और यजुवेंद्र चहल को बताते थे कि बल्लेबाज कौन सा शॉर्ट खेल सकते है और आपको कौन सी गेंद डालनी चाहिए। इसी की बदौलत 'कुलचा' ने बड़े-बड़े खिलाड़ियों को पवेलियन लौटने के लिए मजबूर किया। हालांकि धोनी की गैरमौजूदगी में कुलदीप ने 16 मुकाबलों में 14 विकेट हासिल किए। जिनमें उनका औसत 59.6 का रहा। जबकि यजुवेंद्र चहल ने 8 मुकाबलों में 41.82 के औसत से 11 विकेट चटकाए हैं।
एकदिवसीय मुकाबलों में अब धोनी की कमी को विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं। विकेट माइक पर लगातार ऋषभ पंत की आवाज सुनाई देती है और वह विकेट के पीछे से गेंदबाजों को विकेट चटकाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।