By अंकित सिंह | Jul 29, 2024
जम्मू संभाग और कश्मीर घाटी में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तानी सेना के विशेष सेवा समूह (एसएसजी) का हाथ है। इन सब के बीत सूत्रों ने बड़ा दावा किया है। बताया जा रहा है कि भारत में हुए इन हमलों की पूरी रणनीति पाकिस्तानी सेना के एसएसजी कमांडो के जीओसी आदिल रहमानी बना रहा था। इतना ही नहीं, आदिल रहमानी जम्मू संभाग और कश्मीर घाटी दोनों में हमले की सोची-समझी रणनीति पर काम कर रहा है।
27 जुलाई को कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) की संलिप्तता जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों में पाकिस्तानी सेना की सीधी भागीदारी की पुष्टि करती है। पूर्व डीजीपी डॉ. एसपी वैद का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में हो रहे हमलों के पीछे सीधे तौर पर पाकिस्तानी सेना का हाथ है। डॉ. वैद के मुताबिक ये एक गुप्त युद्ध है और भारत को इसका जवाब इसी तरह देना होगा। डॉ. एसपी वैद ने बताया कि आदिल रहमानी की निगरानी में इस ऑपरेशन के लिए करीब 600 एसएसजी कमांडो को लगाया गया है। इन उच्च प्रशिक्षित कमांडो को क्षेत्र में हवाई मार्ग से उतारा गया है, जिनमें से कई पहले ही भारत में प्रवेश कर चुके हैं।
उन्होंने दावा किया कि कमांडो का नेतृत्व पाकिस्तानी सेना के विशिष्ट एसएसजी के लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद सलीम कर रहे हैं, जो जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर चुके हैं और इन कमांडो और आतंकवादियों को हमले करने के लिए मार्गदर्शन कर रहे हैं। न सिर्फ पूर्व डीजीपी एसपी वैद बल्कि एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा ने भी सोशल मीडिया पर यही दावा किया था। उन्होंने एक्स पर लिखा कि कथित तौर पर एसएसजी जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल आदिल रहमानी जम्मू क्षेत्र में हमले करा रहे हैं। 2. कहा जाता है कि एसएसजी की एक पूरी बटालियन घुसपैठ कर चुकी है यानी कम से कम 600 कमांडो कुपवाड़ा क्षेत्र और अन्य जगहों पर हैं। 3. स्थानीय जिहादी स्लीपर सेल सक्रिय हैं और भारतीय क्षेत्र के अंदर एसएसजी आंदोलन में सहायता कर रहे हैं। 4. लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद सलीम जंजुआ अभी भारतीय क्षेत्र जम्मू में हैं और हमलों की कमान संभाल रहे हैं। 5. उनका फोकस भारतीय सेना की 15वीं कोर को शामिल करना है. 6. एसएसजी की दो और बटालियनें मुजफ्फराबाद में जम्मू-कश्मीर के रास्ते भारतीय क्षेत्र में प्रवेश के लिए तैयार हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले ही मान लिया था कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में करीब 70-80 विदेशी आतंकी मौजूद हैं। अगर हालिया रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए तो यह संख्या कहीं अधिक है। और न केवल जम्मू क्षेत्र के पुंछ, किश्तवाड़, कठुआ और डोडा जिलों में बल्कि कश्मीर घाटी के उत्तरी भाग जैसे कुपवाड़ा, हंदवाड़ा और बांदीपोरा में भी। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में सुरक्षा बलों के सामने बहुत बड़ा काम है और उन्हें सतर्क रहना होगा। जम्मू-कश्मीर में हमले करने वाले ये आतंकवादी अत्यधिक प्रशिक्षित हैं और एम4 और चीनी ए56 असॉल्ट राइफल्स जैसे नवीनतम हथियारों से लैस हैं। इससे संकेत मिलता है कि अमेरिकी सेना द्वारा अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियार अब जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गए हैं।