कश्मीर पर सरकार के संकल्प का विरोध करते हुए कांग्रेस के सदस्य मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि संसद में आज जो हो रहा है, यह त्रासदी है। तिवारी ने कहा कि 1952 से लेकर जब जब नये राज्य बनाये गये हैं या किसी राज्य की सीमाओं को बदला गया है तो बिना विधानसभा के विचार-विमर्श के नहीं बदला गया है।
तिवारी ने लोकसभा में कहा कि भारतीय संविधान में केवल अनुच्छेद 370 नहीं है। इसमें अनुच्छेद 371 A से I तक है। वे नागालैंड, असम, मणिपुर, आंध्र, सिक्किम आदि को विशेष अधिकार प्रदान करते हैं। आज जब आप धारा 370 को समाप्त कर रहे हैं, तो आप इन राज्यों को क्या संदेश भेज रहे हैं? उन्होंने कहा कि कि आप कल अनुच्छेद 371 को निरस्त कर सकते हैं? उत्तर पूर्वी राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने और संसद में उनकी विधानसभाओं के अधिकारों का उपयोग करके, आप अनुच्छेद 371 को भी रद्द कर सकते हैं? आप देश में किस तरह की संवैधानिक मिसाल कायम कर रहे हैं?
मनीष तिवारी ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर के विलय के लिए कुछ वादे किए थे। उन्होंने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर का विलय और रक्षा नेहरू सरकार ने की थी। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की दस वर्षों तक रही सरकार ने कोई असंवैधानिक काम नहीं किया।