By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 24, 2017
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज बताया कि एचपीसीएल में सरकार के शेयरों की बिक्री ओएनजीसी को करने के मामले को देखने और इसे तेजी से करने के लिए बनाई गयी तीन सदस्यीय मंत्रियों की समिति के प्रमुख वित्त मंत्री अरुण जेटली होंगे। उन्होंने लोकसभा में बताया कि आर्थिक मामलों पर कैबिनेट की समिति (सीसीईए) ने एचपीसीएल के कुल इक्विटी शेयर में भारत सरकार के 51.11 प्रतिशत शेयरों की ओएनजीसी को रणनीतिक बिक्री करने और उसके साथ एचपीसीएल का प्रबंध नियंत्रण ओएनजीसी को सौंपने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी 19 जुलाई को प्रदान कर दी है।
प्रधान ने कहा कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के शेयर तेल और प्राकृतिक गैस कार्पोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) द्वारा लिये जाने के बाद भी यह सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम रहेगा। एचपीसीएल के कुल चुके हुए इक्विटी शेयर धारिता में भारत सरकार के मौजूदा शेयरों की रणनीतिक बिक्री के संबंध में सदन में वक्तव्य देते हुए उन्होंने कहा कि तेल क्षेत्र में प्रस्तावित अधिग्रहण सार्वजनिक क्षेत्र की इस तेल विपणन कंपनी का पूरी मूल्य श्रृंखला में मौजूदगी कराएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस हस्तांतरण पर निगरानी रखने के लिए सीसीईए ने एक वैकल्पिक प्रणाली के गठन की मंजूरी दी जिसकी अगुवाई वित्त मंत्री करेंगे और इससे समय, मूल्य, शर्तें और अन्य संबंधित मुद्दों के संबंध में तेजी से फैसले लेने में मदद मिलेगी।’’
इस तीन सदस्यीय समिति में धर्मेन्द्र प्रधान और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी होंगे। प्रधान ने कहा कि इस प्रक्रिया से ओएनजीसी के पास अधिक जोखिम उठाने की, अधिक निवेश के फैसले लेने की और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव के प्रभावों को रोकने की अधिक क्षमता होगी।