James Bond की कल्पना 115 साल बाद हकीकत में बदली, MI6 को सच में मिल गई 'M'

By अभिनय आकाश | Jun 18, 2025

जासूसी की दुनिया रोमांच से भरी होती है। फिल्मी कहानियां हों या किताबी किस्से जासूसी का रोमांच सबको अपनी ओर खींचता है। सोचिये फिल्मी पर्दे और किताब के पन्नों पर उभरी जासूसों की कहानियां अगर रोंगटे खड़े कर देते है तो हकीकत में जासूसी का काम कितना खतरनाक होता है और महिलाओं के लिए जान पर खेलकर जासूसी करने के किस्से भले ही आपको कम मिलें, लेकिन महिलाओं की जासूसी के असल किस्से जो मिलते हैं वो आपके होश उड़ाने के लिए काफी हैं। जासूसी की दुनिया के  बारे में दिलचस्पी रखते हैं तो बॉन्ड जेम्स बॉन्ड से तो बखूबी परिचित होंगे। जेम्स बॉन्ड फ्रेंचाइजी की फिल्मों में खुफिया एजेंसी की प्रमुख महिला जिसे ‘M’ कहा जाता है। जेम्स बॉन्ड को भले ही 1995 में अपनी पहली महिला चीफ मिल गई हो, लेकिन असल जिंदगी को फिल्म के बराबर पहुंचने में 115 साल लग गए। इतिहास में कभी कोई महिला MI6 की चीफ नहीं रही। ये काम अब जाकर हुआ है।

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कौन हैं मेट्रेवली

47 वर्षीय ब्लेज मेट्रेवली ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी (एमआई) का नेतृत्व करने वाली पहली महिला होंगी। ब्रिटेन की इस सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस के 115 साल के इतिहास में पहली बार कोई महिला इस एजेंसी का नेतृत्व करेगी। मेट्रेवली सर रिचर्ड मूर से अक्टूबर में कार्यभार लेंगी, जो अभी एमआई प्रमुख हैं। ब्लेज मेट्रेवली घरेलू खुफिया एजेंसी एमआई में ही अन्य पदों पर भूमिकाएं और घरेलू सीक्रेट एजेंसी एमआईड में निदेशक स्तर की भूमिकाएं निभाई हैं। निजी तौर पर मेट्रवली ने एमआई में शामिल होकर मिडिल ईस्ट और यूरोप में कई सफल ऑपरेशंस किए। अब वे एमआई में पहली महिला 'सी' के रूप में काम करेंगी। 

एमआई दुनिया की पुरानी खुफिया एजेंसियों में से एक

यूके में तीन सीक्रेट एजेंसियां हैं। एमआई दुनिया की पुरानी खुफिया एजेंसियों में शामिल है। इसका गठन 1909 में हुआ था। 1920 में इसे एमआई नाम दिया गया। यह यूके की विदेशी सीक्रेट सर्विस है, जो फाइव आइज की सुरक्षा करती है। फाइव आइज खुफिया गठबंधन है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूके और अमेरिका शामिल हैं। एमआई का काम विदेशी नागरिकों पर मानव खुफिया जानकारी का गुप्त विदेशी संग्रह और एनालिसिस करना है। 

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क्या होगी भूमिका

अभी वे 'क्यू' सेक्शन की डीजी हैं, जिसमें टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर काम होता है। उनकी भूमिका प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री के बीच एक समन्वयक की होगी। दरअसल, एमआई के प्रमुख पद को 'सी' कैटेगरी कहा जाता है, जो सीधे विदेश मंत्री को रिपोर्ट करता है।

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