मार्च के पहले सप्ताह में तमिलनाडु सरकार को सौंपे जाएंगे जयललिता के गहने

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 20, 2024

बेंगलुरु। बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने कहा है कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में भौतिक साक्ष्य- 27 किलोग्राम सोने और हीरे के आभूषण- छह और सात मार्च को पड़ोसी राज्य की सरकार को सौंप दिए जाएंगे। इससे जयललिता पर लगाये गए 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की राशि जुटाने के लिए संपत्तिमूल्यांकन का मार्ग प्रशस्त हो गया। इसमें से 20 किलोग्राम को बेचा या नीलाम किया जा सकता है, बाकी को अदालत ने सोमवार को इस तथ्य पर विचार करते हुए अलग कर दिया था कि ये दिवंगत जयललिता को उनकी मां से विरासत में मिले थे। 


32वीं अतिरिक्त नगर दीवानी एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश एच.ए. मोहन ने पिछले महीने जयललिता से जब्त किए गए कीमती सामान तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि तमिलनाडु सरकार इन सोने और हीरे के आभूषणों के निस्तारण को लेकर आवश्यक कार्रवाई करेगी। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मुकदमा कर्नाटक में चलाया गया था और इसलिए सभी भौतिक साक्ष्य अब अदालत की निगरानी में कर्नाटक के खजाने में हैं। अदालत ने पहले कहा था कि जयललिता के परिजन उन संपत्तियों के हकदार नहीं हैं जो राज्य द्वारा जब्त की गई हैं। 


विशेष सीबीआई अदालत ने जयललिता की भतीजी जे. दीपा और भतीजे जे. दीपक द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी थी। गहनों को तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित करने का आदेश देते हुए, विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘गहनों की नीलामी करने के बजाय, उन्हें तमिलनाडु राज्य के गृह विभाग के माध्यम से तमिलनाडु को हस्तांतरित करना बेहतर है।’’ अदालत ने तब तमिलनाडु के गृह विभाग को निर्देश जारी किया था कि पुलिस के साथ सचिव स्तर के सक्षम व्यक्ति आयें और गहने प्राप्त करें। इसी आदेश में विशेष अदालत ने कर्नाटक को राज्य में चलाए गए मुकदमे के खर्च के लिए पांच करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था। 

 

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भुगतान चेन्नई में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में जयललिता से संबंधित खाते में सावधि जमा से किया जाएगा। जयललिता, उनकी पूर्व करीबी सहयोगी वी. शशिकला, वी. एन. सुधाकरन और शशिकला की रिश्तेदार जे. इलावरसी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा बेंगलुरु की विशेष अदालत द्वारा चलाया गया था, जिसने उन्हें लगभग दस साल पहले दोषी ठहराया था।

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