By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 28, 2017
पटना। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा व्यक्त की गई राय से सहमति जताते हुए उनकी पार्टी जद (यू) ने इस मुद्दे पर अपनी राय देने से मना कर दिया है। पार्टी ने जोर देकर कहा कि आम सहमति के अभाव में इसे लागू करने से ‘सामाजिक अशांति’ पैदा होगी। पार्टी ने संकेत दिया कि संसद, विधानसभाओं और अन्य मंचों पर चर्चा के जरिए इस मुद्दे पर पहले आम सहमति बननी चाहिए।
कुमार जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएस चौहान और केंद्र को पत्र लिखकर अपनी पार्टी की राय से अवगत कराया। उन्होंने सुझाव दिया कि आयोग को जल्दबाजी में यूसीसी लागू नहीं करना चाहिए। कुमार ने पत्र में कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों समेत विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच आम सहमति बनाए बिना किसी भी स्थिति में यूसीसी लागू करने से सामाजिक अशांति पैदा होगी और धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी में आस्था कम होगी।’’ यूसीसी लागू करने से पहले सभी हिस्सेदारों के बीच चर्चा का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह वांछनीय है कि केंद्र के समान नागरिक संहिता बनाने की दिशा में आगे बढ़ने की सोचने से पहले विभिन्न कानूनों को निरस्त करने और उसे यूसीसी से बदलने से पहले इस विषय को संसद और विधानसभाओं और समाज के अन्य मंचों पर विस्तृत चर्चा के लिए रखना चाहिए।’’
राज्य सरकार ने 10 जनवरी को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद औपचारिक तौर पर विधि आयोग को इस संबंध में पत्र लिखा था। कुमार की राय से सहमति जताते हुए जद (यू) ने भी आयोग के सवालों का जवाब देने में अक्षमता जाहिर की। उसने कहा कि इसे खास जवाब हासिल करने के लिए एक खास तरीके से तैयार किया गया है।