जेएनयू हिंसा, निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट, अमेरिका-ईरान तनाव का विश्लेषण

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 11, 2020

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार रात को हुई हिंसा के मामले ने पूरे सप्ताह धरना प्रदर्शनों का दौर जारी रखा लेकिन मामले में शुक्रवार शाम तब नया मोड आ गया जब दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष सहित परिसर में हमला करने वाले 9 संदिग्धों की तस्वीर जारी की। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में संदिग्धों के नाम भी बताये। दूसरी ओर हमलावरों के रूप में नाम लिए जाने के बाद आइशी घोष ने कहा कि मेरे पास भी सबूत हैं कि किस प्रकार मुझ पर हमला किया गया। उधर भाजपा का आरोप है कि भाकपा, माकपा और आप जैसे दलों को लोकसभा चुनाव में खारिज कर दिया गया, इसलिए अब वे अपने निहित स्वार्थों के लिए छात्रों का उपयोग कर रहे हैं। भाजपा ने लेफ्ट पर सीधा-सीधा आरोप लगा दिया है कि हिंसा की साजिश उसने रची। यह सप्ताह इसलिए भी चर्चित रहा कि जेएनयू जाकर कौन समर्थन प्रकट कर रहा है और कौन विरोध प्रकट कर रहा है। छात्रों ने तो वीसी को हटाने की माँग को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बाहर धरना ही दे दिया। 

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इसके अलावा इस सप्ताह निर्भया के दोषियों की किस्मत का भी फैसला हो गया। उच्चतम न्यायालय ने चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने साफ कर दिया कि दोषियों को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। निश्चित ही अदालत के इस फैसले से नारी सुरक्षा मजबूत होगी।

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दूसरी तरफ अमेरिका-ईरान के बीच चली मिसाइलों ने पूरे विश्व को चिंता में डाल दिया। एक और विश्व युद्ध की आहट पाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट की आशंकाएं जताई जाने लगीं। शेयर बाजार धड़ाम होने लगे, भारत समेत कई बड़े देश बीच-बचाव के लिए और शांति स्थापित करने के प्रयास करने लगे। उधर डोनाल्ड ट्रंप भी घरेलू माहौल ज्यादा उचित नहीं पाकर कदम पीछे खींचते दिखे और कह दिया- ऑल इज वैल। अब देखना होगा कि ऑल इज वैल कब तक रहता है। फिलहाल करते हैं इन घटनाओं का विश्लेषण।

 

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