जोगी-मायावती के गठबंधन में केंद्र और रमन सिंह सरकार की बड़ी भूमिका: बघेल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 07, 2018

नई दिल्ली। दिग्विजय सिंह के एक बयान का हवाला देकर आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने के मायावती के फैसले के बाद अब कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि ‘मायावती के हाथ बंधे हुए हैं’ और छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की पार्टी एवं बसपा के बीच गठबंधन कराने में केंद्र और राज्य सरकार की बड़ी भूमिका रही। बघेल ने यह भी दावा किया कि जोगी की पार्टी ‘जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे)’ और बसपा के बीच गठबंधन से कांग्रेस की संभावनाओं को कोई झटका नहीं लगा है।

 

उन्होंने कहा, ‘‘ जोगी का मामला रमन सिंह सरकार के हाथ में है। केंद्र सरकार के हाथ में सीबीआई और ईडी है। मायावती के हाथ बंधे हुए हैं। गठबंधन कराने में केंद्र एवं राज्य सरकार की बड़ी भूमिका रही है।’’ बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि बसपा छत्तीसगढ़ में भाजपा के सहयोगी दल के रूप में सामने आई है। उनके इस बयान से कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि मायावती को डर है कि अगर वो भाजपा के खिलाफ गईं तो ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां उनके खिलाफ चल रहे मामले में तेजी ला सकती हैं जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

 

इस पर मायावती ने सिंह को ‘‘भाजपा का एजेंट’’ करार दे दिया था और मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में कांग्रेस से किसी भी तरह के गठबंधन की संभावनाओं को ही खारिज कर दिया था। मायावती इससे पहले ही छत्तीसगढ़ में जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन कर चुकी थीं। बसपा के अलग चुनाव लड़ने की पृष्ठभूमि में ही गत शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी जिसमें चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई।

 

जोगी और बसपा के गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, ‘‘बसपा पिछली बार 90 सीटों पर लड़ी तो चार फीसदी वोट मिले थे। अब तो वह 35 सीटों पर लड़ेगी। ऐसे में वह पूरी तरह से सिमट जाएगी।’’ इस गठबंधन से कांग्रेस के नुकसान की अटकलें खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जो आधार बसपा का है, वही जोगी का आधार है। इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। कांग्रेस बहुत मजबूत स्थिति में है।’’ 

 

जोगी पर निशाना साधते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जब जोगी कांग्रेस में थे तो जननेता थे, लेकिन निकलने के बाद उनकी हालत पतली हो चुकी है। अब वह जीतने के लिए नहीं, बल्कि कांग्रेस को हराने के लिए लड़ रहे हैं। जनता इस बात को अच्छी तरह जानती है।’’ गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 12 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों मे विधानसभा चुनाव होंगे। 

 

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