By अनन्या मिश्रा | Jul 29, 2024
आज ही के दिन यानी की 29 जुलाई को मशहूर उद्योगपति जेआरडी टाटा का जन्म हुआ था। उन्होंने टाटा ग्रुप को बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। जेआरडी टाटा ने टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी और एयर इंडिया की स्थापना की।
आज ही के दिन यानी की 29 जुलाई को मशहूर उद्योगपति जेआरडी टाटा का जन्म हुआ था। जेआरडी टाटा ने टाटा ग्रुप को बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी और एयर इंडिया की स्थापना की। जमशेदपुर शहर का कण-कण जेआरडी टाटा से जुड़ा है और उनका योगदान सिर्फ जमशेदपुर शहर तक ही नहीं सीमित है। जेआरडी टाटा ने इस देश को भी काफी कुछ दिया है। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर जेआरडी टाटा के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
फ्रांस के पेरिस में 29 जुलाई 1904 को जेआरडी टाटा का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम आरडी टाटा था। जेआरडी टाटा ने भारत के अलावा फ्रांस, जापान और इंग्लैंड में पढ़ाई की। फिर वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग करना चाहते थे, लेकिन पिता के कहने पर वह भारत आ गए और साल 1925 में टाटा ग्रुप ज्वॉइन कर लिया। यहां पर उन्होंने बतौर एप्रेंटिस काम शुरू किया था। इस दौरान जेआरडी टाटा की उम्र महज 22 साल थी। इसी दौरान पिता का निधन हो गया और उन्हें टाटा समूह के बोर्ड में जगह मिल गई। वहीं साल 1929 में जेआरडी टाटा ने फ्रांस की नागरिकता छोड़कर भारतीय नागरिकता ले ली।
भारत को मिला पहला एविएशन
जेआरडी टाटा जब 15 साल के थे, तब उनको फ्रांसे में विमान में उड़ान भरने का मौका मिला था। यही मौका बाद में भारत को पहला एविएशन कंपनी देने की वजह बना। साल 1932 में जेआरडी टाटा ने भारत की पहली एविएशन कंपनी की शुरूआत की, जिसका नाम टाटा एविएशन सर्विस रखा गया। बता दें कि उस दौरान भारत की अपनी सरकारी या निजी एविएशन कंपनी नहीं थी। इस क्षेत्र में यूरोपीय कंपनियों का बोलबाला हुआ करता था।
वहीं 15 अक्तूबर 1931 को टाटा एयर सर्विस ने अपने पहली उड़ान कराची के ड्रिघ रोड हवाई अड्डे से मुंबई के जुहू हवाई पट्टी के लिए भरी थी। फिर साल 1946 में टाटा एविएशन सर्विस का नाम एयर इंडिया रख दिया गया। देश की आजादी के बाद नेहरु सरकार बनी और तब एयर इंडिया को नेशनलाइज कर दिया गया। हालांकि इसके राष्ट्रीयकरण के बाद भी टाटा चेयरमैन बने रहे।
देशहित में करते थे काम
जेआरडी टाटा का मानना था कि टाटा को वही काम करना चाहिए, जो देशहित में हो। इसलिए उन्होंने अपना ध्यान उस तरफ लगाया, जिसके उत्पादन की भारत को आवश्यकता रही। न कि जिस उत्पादन में कंपनी का फायदा हो।
सम्मान
बता दें कि साल 1955 में जेआरडी टाटा को भारत सरकार ने उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म विभूषण से समम्मानित किया। वहीं साल 1992 में जेआरडी टाटा को भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
मृत्यु
स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में 29 नवंबर 1993 को 89 वर्ष की उम्र में जेआरडी टाटा ने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया।