Kailash Mansarovar Yatra चार साल के निलंबन के बाद 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा होगी, शुरू हुई तैयारी

By रितिका कमठान | Apr 18, 2025

भारत-चीन के बीच जमी बर्फ अब तेजी से पिघलनी शुरू हो रही है। पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच कजान में बातचीत हो रही है। इसका असर भी दिखने लगा है। चीन और भारत के बीच के रिश्तों में अब सुधार होने लगा है। इसके साथ ही अब वर्ष 2020 के बाद से बंद हुई मानसरोवर यात्रा की शुरुआत फिर से होने वाली है। इस संबंध में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को घोषणा की कि भारत और चीन ने तिब्बत में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की पवित्र तीर्थयात्रा, कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का कार्यक्रम बनाया है, जो 2020 से निलंबित थी। 

 

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में पुष्टि की कि यात्रा की तैयारियां चल रही हैं और जल्द ही एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘कैलाश मानसरोवर यात्रा इस वर्ष होगी और हम इसकी तैयारी कर रहे हैं। हम जल्द ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के संबंध में सार्वजनिक सूचना जारी करेंगे।’’ जायसवाल ने कहा, "यात्रा जल्द ही फिर से शुरू होने की संभावना है।" उन्होंने कहा कि हजारों भक्त पवित्र तीर्थयात्रा मार्ग के फिर से खुलने का इंतजार कर रहे हैं। 

 

यात्रा के लिए सीधी उड़ानें

कोविड-19 महामारी के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित कर दी गई है। हालाँकि, भारत और चीन अब प्रत्यक्ष हवाई संपर्क पुनः आरंभ करने के लिए एक व्यापक समझौते पर पहुँच गए हैं, तथा दोनों पक्षों की तकनीकी टीमें वर्तमान में आवश्यक विवरण और संशोधित रूपरेखा पर काम कर रही हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, जनवरी 2025 में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बीजिंग यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों पर चर्चा हुई थी।

 

उन्होंने कहा, "सैद्धांतिक रूप से दोनों देश इस बात पर सहमत हो गए हैं कि उड़ान परिचालन फिर से शुरू होगा। दोनों पक्षों की तकनीकी टीमें उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए तकनीकी व्यवस्था पर विचार कर रही हैं।" जब विदेश सचिव बीजिंग गए थे, तो दोनों पक्ष सीधी हवाई सेवाएं पुनः शुरू करने पर सहमत हुए थे। यह भी सहमति हुई कि संबंधित तकनीकी अधिकारी मिलेंगे और बातचीत करेंगे।

 

सीधी उड़ान सेवाएं शुरू करने के लिए एक अद्यतन ढांचा आवश्यक है। जायसवाल ने कहा, "दोनों नागरिक विमानन प्राधिकरणों की बैठक हुई है और वे अद्यतन रूपरेखा सहित प्रासंगिक तौर-तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "इस समय मेरे पास कोई समयसीमा नहीं है, लेकिन तकनीकी स्तर पर चर्चा हो रही है, जिसका अर्थ है कि चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं।" वीजा के मुद्दे पर बोलते हुए जायसवाल ने बताया कि चीन के साथ कई स्तरों पर बातचीत चल रही है।

 

उन्होंने कहा, ‘‘हम चीन के साथ वीजा के संबंध में बातचीत कर रहे हैं और यह कई स्तरों पर हो रही है। वार्ता के दौरान हमने लोगों के बीच आपसी संबंध, संपर्क, सीधी हवाई सेवाएं और कैलाश मानसरोवर यात्रा सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने आगे कहा, "इसलिए यह स्पष्ट है कि जब हम वीजा के मामले में इन मुद्दों पर बात करेंगे तो दोनों देशों के बीच किसी न किसी तरह की सहमति बन जाएगी।" कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है तथा इसके पुनः शुरू होने से दोनों देशों के बीच पर्यटन और पारस्परिक आदान-प्रदान को मजबूती मिलने की उम्मीद है। यह नवीनीकृत सहयोग ऐसे समय में हो रहा है जब दोनों देश राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यह एक ऐसा अवसर है जिसका उपयोग दोनों पक्ष सार्वजनिक कूटनीति को बढ़ावा देने तथा आपसी समझ को बढ़ाने के लिए करने की योजना बना रहे हैं।

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