अंडे के फंडे में उलझी कमलनाथ सरकार, नेता प्रतिपक्ष बोले अंडे खाने से नरभक्षी हो जाएगें बच्चे

By दिनेश शुक्ला | Oct 31, 2019

पोषण आहार के रूप में मध्यप्रदेश की आंगनबडियों में अंडा दिए जाने की सुगबुगाहट के बीच सियासत तेज हो गई है। प्रदेश की काँग्रेस शासित कमलनाथ सरकार ने राज्य के 89 आदिवासी ब्लॉक की आंगनबाडियों में जाने वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार के रूप में अंडा दिए जाने पर विचार कर रही है। जिसको लेकर विशेषज्ञयों से राय लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। लेकिन पोषण आहार में अंडा शामिल करने से पहले ही प्रदेश की सियासत गरमा गई है। जहाँ नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इसका विरोध किया तो वही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इसे धार्मिक आस्था से खिलवाड़ बताया है।

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भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि अंडे के बाद राज्य सरकार बच्चों क मुग्रे और बकरे का मांस परोसेगी। एक दिन उन्हें नरभक्षी बना दिया जाएगा। उन्होनें कहा कि मांसाहार धार्मिक परंपराओं के खिलाफ है, इससे बच्चों में तामसिक प्रवृत्ति बढेगी। जबकि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अंडा दिए जाने की योजना को धर्म से जोड़ते हुए कहा कि लोगों के धर्म और आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिसको लेकर भाजपा इसका विरोध करेगी। तो वही भोपाल से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा इसे लेकर अलग ही बयान दिया है उन्होनें कहा है कि हम इस योजना का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन राज्य सरकार को समझना चाहिए कि आंगनबाडियों में जाने वाले बच्चे सभी वर्गों से आते है। प्रोटीन देना ही है तो दूध, दलिया या खीर भी दे सकते है। उन्होनें कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि इस समय अंडे की जरूरत कांग्रेस नेताओं को ज्यादा है।

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आंगनबाडियों में पोषण आहार के रूप में अंडा दिए जाने का विरोध कर रही भाजपा को कमलनाथ सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा ने आंगनबाडियों से अंडा इसलिए दूर रखा ताकि भ्रष्ट्राचार कर सकें। उन्होनें कहा कि सरकार की प्राथमिकता बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार को लेकर है जिसके लिए सरकार अडिग है। अगर कुपोषित बच्चों को अंडा दिया जाए तो वे पोषित हो सकते होगें। यहां गौर करने वाली बात यह है कि प्रदेश में 90 हजार आंगनबाडियों में 70 लॉख बच्चे जाते है। जिसमें से 1लॉख 30 हजार बच्चे कम बजन यानि कुपोषित है। इनमें से ज्यादातर बच्चे आदिवासी ब्लाकों के है। वही अगर राज्य की कमलनाथ सरकार आंगनबाडियों के पोषण आहार में अंडा शामिल करती है तो इससे राज्य सरकार पर 50 से 60 करोड़ रूपए का अतिरिक्त खर्च आएगा।

 

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