By अभिनय आकाश | Oct 23, 2021
बिहार में लगभग तीन दशक तक एक साथ चलने वाली कांग्रेस और राजद की जोड़ी आखिरकार टूट गई। कांग्रेस के बिहार के प्रभारी भक्त चरण दास ने 2024 के विधानसभा चुनाव को लेकर ऐलान करते हुए कहा कि सूबे की सभी 40 लोकसभा सीटों पर पार्टी अपने दम पर चुनाव में उतरेगी। बिहार में कांग्रेस और राजद गठबंधन की राहें जुदा होने के बाद और कांग्रेस में एंट्री के बाद पहली बार प्रदेश आए कन्हैया कुमार ने निशाने पर लालू प्रसाद यादव के बेटे और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव रहे। कन्हैया कुमार, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी उपचुनाव में प्रचार करने पहुंचे।
कन्हैया कुमार ने बिना नाम लिए तेजस्वी को अहंकारी बताया। उन्होंने कहा कि 15 साल राजद का शासन रहा और इसके बाद 15 साल नीतिश कुमार का शासन रहा। लेकिन 30 साल के शासन में बिहार का विकास नहीं हुआ। दोनों को झाड़ू मारकर भगाना होगा। कन्हैया ने कहा कि कुछ लोग पढ़े लिखे होते हैं मगर लठैत की भाषा बोलते हैं।
उपचुनाव में बिखरा पूरा विपक्ष
जेडीयू विधायकों के निधन के बाद कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट पर उपचुनाव हो रहा है। एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कोई मतभेद नहीं है। जबकि पूरा विपक्ष बिखरा हुआ है। महागठबंधन में कलह हाल ही में तब सामने आया था जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीटों के लिए एकतरफा अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी। इन दोनों सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव है। बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के घटक दलों के बीच हुए सीट बंटवारे के तहत कुशेश्वरस्थान सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी पर उसके उम्मीदवार उक्त चुनाव पर दूसरे स्थान पर रहे थे।