By अनन्या मिश्रा | Jul 26, 2025
आज का दिन यानी की 26 जुलाई देश के बहादुर बेटों के अदम्य साहस, शौर्य और सर्वोच्च बलिदान को समर्पित है। यह दिन भारतवासियों को गौरवांवित करने वाला है। क्योंकि इस दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। कारगिल विजय दिवस का दिन न सिर्फ भारतीय सेना के शौर्य को समर्पित करता है। साथ ही यह दिन भारत की जीत की खुशी को फिर से याद दिलाता है। हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको विजय कारगिल दिवस के इतिहास, महत्व के बारे में...
इतिहास
साल 1991 में 26 जुलाई को भारत और पाकिस्तान के बीच 3 महीने तक चलने वाले युद्ध का अंत हुआ था। इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी। यह युद्ध मई 1999 से जुलाई 1999 तक चला था। कारगिल की लड़ाई में करीब 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। यह युद्ध ऊंचाई वाले इलाकों में लड़ा गया था। जहां का तापमान -10 डिग्री से -20 डिग्री तक गिरता था। ऑफिशियल रूप से 26 जुलाई को इस युद्ध की समाप्ति हुई थी।
जोजिला से लेह तक भारत-पाकिस्तान का बॉर्डर कुल 300 किमी तक फैला है।
साल 1999 तक यहां इंडियन आर्मी सिर्फ एक ब्रिगेड तैनाती होती थी। सिर्फ 2500 सैनिक 300 किमी लंबी सीमा की सुरक्षा करते थे।
दोनों देशाओं की सेनाएं अक्तूबर से मई तक चोटियां खाली कर देती थीं। क्योंकि 14 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर बने बंकर में भारी बर्फबारी की वजह से रहना कठिन हो जाता था।
बता दें सर्दियों में खाली पड़ी 130 भारतीय पोस्ट पर पाक सेना ने LOC पार 4 से 10 किमी के अंदर कब्जा जमा लिया था।
पाकिस्तान का प्लान था कि श्रीनगर को लेह से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे को काट देना। जिसकी वजह से सियाचिन और लद्दाख की सप्लाई बंद हो जाए।
ऐसे में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी बाजपेई ने 31 मई 1999 को पाकिस्तान के साथ युद्ध का ऐलान कर दिया था।
वहीं 4 जुलाई को टाइगर हिल पर भारत ने फिर से कब्जा जमा लिया और भारत ने पाकिस्तान से चल रहे युद्ध में बढ़त बना ली।