By अंकित सिंह | Jul 08, 2025
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन से कांग्रेस द्वारा इंकार किए जाने के बाद, एक बार फिर से उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को शीर्ष पद पर बिठाने की मांग उठने लगी है। कांग्रेस के दो विधायकों ने अपनी मांग फिर से दोहराई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री तनवीर सैत ने कहा कि पार्टी को बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए। सैत ने मीडिया से कहा कि मुझे लगता है कि नेतृत्व स्थिर नहीं रह सकता। नए नेतृत्व को आना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। जब भी मौका मिलेगा, ऐसा होगा। लेकिन व्यक्तिगत बयानों को विरोध नहीं माना जाना चाहिए।
कांग्रेस विधायक सीपी योगेश्वर ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमारे सभी जिला विधायक इस बात पर एकमत हैं कि डीके को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। इस बारे में कोई मतभेद नहीं है। आलाकमान को इस पर फैसला करना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके उपमुख्यमंत्री बुधवार रात को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। इस टिप्पणी पर पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने त्वरित प्रतिक्रिया दी, जिन्हें सिद्धारमैया और डीकेएस गुटों के बीच शांति स्थापित करने के लिए पिछले सप्ताह बेंगलुरु भेजा गया था।
सुरजेवाला ने कहा कि केपीसीसी (यानी कांग्रेस की कर्नाटक इकाई) प्रमुख और मैंने इस बारे में बात की है। हर किसी की महत्वाकांक्षाएं और इच्छाएं हो सकती हैं। मैं इससे अधिक कुछ नहीं कहना चाहता। वहीं, डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सलाह और संदेश का पालन करते हुए पार्टी में सभी से मिलकर काम करने का आह्वान किया, हालांकि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने के सवाल पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। शिवकुमार ने चामुंडी पहाड़ियों की चोटी पर देवी चामुंडेश्वरी की पूजा करने के बाद कहा, “प्रयास विफल हो सकते हैं, लेकिन प्रार्थना नहीं।”
पिछले कुछ समय से सियासी गलियारों, खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में इस वर्ष के अंत में मुख्यमंत्री के संभावित बदलाव को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। अटकलों में सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते का हवाला दिया गया है। सिद्धरमैया के पूरे पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले बयान पर शिवकुमार से पूछा गया कि क्या वे मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर हो गए हैं? इस पर उन्होंने कहा, “मैं इस पर कोई चर्चा करना नहीं चाहता। मैं यहां राजनीति के बारे में बात करने नहीं आया हूं। मैं राज्य का भला चाहता हूं। मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष हैं, उन्होंने हमें संदेश और सलाह दी है। उनके शब्दों का पालन करते हुए, आइए हम सब मिलकर काम करें।”