Kartavyapath: भारत में स्टार्टअप से आई क्रांति की नई लहर

By रितिका कमठान | Jul 30, 2023

भारत एक ऐसा देश है जहां युवाओं से लेकर बुजुर्गों के पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। भारत की शिक्षा प्रणाली को काफी मजबूत माना जाता है और जो बेहद प्रतिभाशाली और बुद्धिमान युवा पैदा करते हैं। जिनकी मांग दुनिया के कोने-कोने में है। एक समय था जब दुनिया में भारत के ब्रेन ड्रेन की बात होती थी मगर अब ऐसा काफी कम हुआ है। भारत के पास बेहद शानदार दिमाग वाले लोग है। इसका ताजा उदाहरण पुणे के मयूर पाटिल ने दिया है, जिन्होंने वाहनों के लिए ऐसी तकनीक शुरू की है जो कार्बन उत्सर्जन और ईंधन की खपत को कम करने में बेहद उपयोगी है। मयूर इस तकनीक का पेटेंट करवा चुके है। उन्होंने अटल न्यू इंडिया चैलेंज के जरिए मिली ग्रांट के साथ ये फैक्ट्री और स्टार्टअप को शुरू किया है। ये कोई अनोखा मामला नहीं है जिसमें स्टार्टअप के लिए प्रयास किए गए हो। इसी तरह गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुई बैंगनी क्रांति की सफल कहानी रचने वाले इंजीनियरिंग के तीन छात्रों ने अपना स्टार्टअब वेंचर शुरू करने के लिए नौकरी छोड़ दी।

इन उदाहरणों से साफ है की देश के युवाओं में सामर्थ्य है। जिसके कारण ही स्टार्ट अप इंडिया के साथ केंद्र सरकार प्रयासों से सिर्फ नौ वर्षों में देह में स्टार्टअप की बाद सी आ गई है। केंद्र सरकार के नौ वर्षों के कार्यकाल के दौरान स्टार्टअप की संख्या 442 से बढ़कर एक लाख के ऊपर पहुंची है। देश में स्टार्टअप बढ़ने से रोजगार की संख्या भी बढ़ी है। देश में लगभग नौ लाख से अधिक रोजगार पैदा हुए है।

एक तरफ भारत में जी 20 समिट का आयोजन हो रहा है। वहीं वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप को मजबूती देने के लिए एक नए स्टार्टअप-20 समूह की शुरुआत हुई है। इस समूह का उद्देश्य है के विश्व भर में स्टार्टअप की लौ को जलाया जाए। स्टार्टअप को एक क्रांति के तौर पर देखा जाए। वहीं भारत के Reform, Perform और Transform की वजह से देश में इन्वेस्टमेंट के लिए सपोर्टिव माहौल तैयार हुआ है।

स्टार्टअप क्रांति को मिलेगा बढ़ावा
- सरकार ने स्टार्टअप क्रांति को बढ़ाने के लिए एंजेल टैक्स समेत 32 नियमों में बदलाव कर उन्हें आसान बनाया है।
- सरकार ने घरेलू वेंचर कैपिटल में बढ़ावा लाने के लिए 1000 करोड़ का फंड दिया है।
- स्टार्टअप शुरू करने के दिशा में पर्यावरण को नुकसान न हो इसके लिए भी सरकार ने व्यवस्था की।है। इसके तहत सरकार ने 9 श्रम और 3 पर्यावरण कानूनों के अनुपालन के लिए स्व प्रमाणन की व्यवस्था की है।

स्टार्टअप की बढ़ती ताकत को ऐसे जानें
- आंकड़ों पर गौर करें तो साफ जाहिर होता है की भारत में स्टार्टअप काफी अधिक संख्या में शुरू जो रहे है। बीते आठ वर्षों में देश में हर घंटे चार स्टार्टअप पंजीकृत हुए है।
- इस दौरान इन्कबेटर्सस की संख्या में 7 गुना की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
- निवेशकों की संख्या नौ गुना बढ़ी है।
- स्टार्टअप के लिए होने वाली फंडिंग में इजाफा देखने को मिला है जो ऐतिहासिक रूप से 15 गुना अधिक है।
- देश भर में 47 प्रतिशत स्टार्ट अप टियर 2 और टियर 3 शहरों में शुरू हो रहे है।
 - स्टार्टअप की दुनिया में कदम रखने में महिलाएं भी पीछे नहीं है। देश में 45 प्रतिशत से अधिक ऐसी स्टार्टअप है जो महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे है।

यूनिकॉर्न में बढ़ोतरी
- देश में बीते नौ वर्षों के दौरान स्टार्टअप इतने अधिक संख्या में शुरू हुए है कि दुनिया के शीर्ष देशों में तीसरे स्थान पर भारत का नाम शामिल है।
- भारत में 108 ऐसी स्टार्टअप कंपनी है जो यूनिकॉर्न की लिस्ट में शामिल है। इन सभी का संयुक्त रूप से मूल्यांकन 340.79 अरब डॉलर है। वर्ष 2022 की बात की जाए तो देश को 23 नए यूनिकॉर्न मिले थे।
- देश में सफलता पूर्वक स्टार्टअप खड़ा कर उन्हें यूनिकॉर्न बनाने के वजह से भारत को अब तक 94 अरब डॉलर की पूंजी मिली है। 
- वैश्विक आंकड़ों पर गौर करें तो हर 10 यूनिकॉर्न में से एक भारत का है। देश में हर महीने एक यूनिकॉर्न बना है।

प्रमुख खबरें

GOAT इंडिया टूर 2025: लियोनल मेसी ने वीडियो साझा कर भारत को कहा धन्यवाद

FIFA The Best Awards 2025: डेम्बेले और बोनमती बने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

IND vs SA लखनऊ टी20: भारत की 14वीं सीरीज़ जीत या दक्षिण अफ्रीका की वापसी

IPL Auction 2026: अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों का जलवा, करोड़पति क्लब में धमाकेदार एंट्री