By अभिनय आकाश | Oct 14, 2021
छठ पूजा बिहार समेत उत्तर भारत के लोगों के लिए एक खास महत्व रखता है। उत्तर भारतीयों के लिए ये एक महापर्व है। लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में इस महापर्व पर सियासत भी खूब हो रही है। दिल्ली सरकार द्वारा छठ पूजा के आयोजन पर रोक के बाद बीजेपी इसको लेकर आक्रमक रूख अखित्यार किया हुआ था और केजरीवाल सरकार की खूब आलोचना भी हो रही थी। लेकिन इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छठ पूजा आयोजन को लेकर अब गेंद केंद्र के पाले में डाल दी है।
सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र लिखा है। जिसमें सार्वजनिक रूप से छठ पूजा मनाने की अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोविड की स्थिति बेहतर है। मेरे विचार में, हमें सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छठ पूजा की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि पड़ोसी राज्यों ने भी अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उचित प्रतिबंधों के साथ छठ पूजा मनाने की अनुमति दी है।
डीडीएमए के फैसले से विवाद
दिल्ली में बिना किसी परहेज़ के शराब के ठेके तक खोल दिए गए हैं लेकिन छठ की पूजा जो नवंबर में है उसको रोकने का निर्णय 1.5 महीना पहले ही ले लिया गया। दिल्ली सरकार ने रामलीला के आयोजन का फैसला लिया है। लेकिन वहीं सार्वजनिक स्थानों और नदी के किनारे छठ का त्योहार मनाने पर रोक लगा दी गई है। यह घोषणा दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की तरफ से की गई है।
बीजेपी का विरोध
केजरीवाल सरकार के फैसले का बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया। मनोज तिवारी ने कहा था कि छठ पूजा पर जो रोक लगाई गई है उसके खिलाफ वो आंदोलन करेंगे। जिसके बाद छठ पूजा पर दिल्ली सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के बाद बीजेपी के नेता बड़ी तादाद में सीएम के आवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे थे। दिल्ली में बीजेपी के पूर्वांचली चेहरे मनोज तिवारी तो पूर्वांचलियों की राय लेने के नाम पर 'रथ यात्रा' भी शुरू कर दी।