खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी से आत्म-प्रशंसा बंद करने और चुनाव प्रचार से खुद को अलग करने को कहा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 02, 2025

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सार्वजनिक भाषणों पर टिप्पणी करते हुए उनसे आत्म-प्रशंसा के बजाय दुश्मन पर ध्यान केंद्रित करने और चुनाव प्रचार से खुद को अलग करने का आग्रह किया।

बेंगलुरु में पत्रकारों को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘मैं उनके (मोदी के) सभी बयानों पर प्रतिक्रिया देना पसंद नहीं करता। लेकिन मेरा उनसे बस इतना अनुरोध है कि सत्ता में बैठे लोगों को कभी-कभी अपना मुंह बंद रखना चाहिए।’’

खरगे ने प्रधानमंत्री के हालिया सार्वजनिक बयानों और राजनीतिक गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए सुझाव दिया कि मोदी को अस्थायी तौर पर चुनाव प्रचार से दूर हो जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी को खुद को चुनावों से अलग कर लेना चाहिए और देश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें देश में जो कुछ भी हुआ है, उसे समझकर बोलना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बिना किसी राजनीतिक मतभेद के कह रहा हूं कि उन्हें (मोदी को) यह दावा करने के बजाय कि उनके अलावा कोई भी ऐसा नहीं कर सकता, दुश्मन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हमारा पूरा समर्थन सशस्त्र बलों के साथ है।’’

ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विचार-विमर्श के लिए विदेश गए हैं। उन्होंने कहा, उन्हें वापस आने दीजिए। जब ​​तक वे वापस नहीं आ जाते, तब तक इधर-उधर घूमना और भाषण देना उचित नहीं है।’’

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति कांग्रेस पार्टी का अटूट समर्थन दोहराया। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी कटाक्ष किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना को पूरी छूट दे दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मोदी ने कहा है कि उन्होंने सशस्त्र बलों को पूरा अधिकार दे दिया है, तो फिर वे यह दावा क्यों कर रहे हैं कि वह उन्होंने किया? खुद की बड़ाई करना अच्छी बात नहीं है।’’

संवेदनशील समय में राजनीतिक संयम की आवश्यकता पर बल देते हुए खरगे ने कहा, हम कुछ नहीं कहेंगे, क्योंकि स्थिति सामान्य नहीं है। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच पिछले तनाव के दौरान पाकिस्तान की संसद में दिखाये गए संयम का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘जब भारत और पाकिस्तान के बीच झड़पें हुईं, तो पाकिस्तान की संसद में इस बात पर चर्चा शुरू हुई कि देश के खिलाफ कुछ भी न बोला जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब तक सेना है, हम सभी सुरक्षित हैं। इसलिए हम सशस्त्र बलों का समर्थन करते हैं।

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