By अभिनय आकाश | May 20, 2022
देश की राजधानी दिल्ली में जल संकट को लेकर दो सरकारों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। एक है बीजेपी की नेतृत्व वाली सरकार जो केंद्र की सत्ता पर भी काबिज है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली के साथ-साथ पड़ोसी राज्य पंजाब की सरकार चला रही आम आदमी पार्टी। दिल्ली की तरफ से जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने पानी की किल्लत पर आरोप लगाया कि हरियाणा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार दिल्ली को पूरा पानी नहीं दे रहा है। यमुना में तकरीबन साढे 5 फीट जल स्तर घट गया है। जल सत्र 674.5 फीट होना चाहिए, लेकिन ये 669 रह गया है। जिसकी वजह से पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार की तरफ से हरियाणा सरकार से आग्रह किया गया कि वो दिल्ली को उसके हिस्से का पूरा पानी दें। अब बात हरियाणा सरकार के ऊपर आई तो सूबे के मुख्यमंत्री जवाब देने के लिए सामने आए और दिल्ली सरकार के सभी दावों को हवा हवाई बताया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली के लोग पानी की कमी की बात कहते हैं। हमारा कहना है कि पानी की कमी को पूरा करना है तो ज़िम्मेदारी केवल हरियाणा की नहीं बल्कि उनकी भी है। अभी तक उनके(आप) पास केवल दिल्ली थी, अब उनके पास पंजाब भी आ गया है और पंजाब-हरियाणा का वर्षों का विवाद है। दिल्ली जल संकट पर हरियाणा सीएम ने कहा कि अगर ये उस विवाद को खत्म करते हैं और साढ़े तीन एमएएफ पानी हमको पूरा मिल जाता है तो मैं वादा करता हूं कि उनको(दिल्ली) और भी पानी देना पड़ेगा तो हम दे देंगे। हम अपने यहां लोगों को प्यासा मारकर उनको पानी की आपूर्ति करें, ये न्याय नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली के पानी से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इस पर कोर्ट ने मुहर लगा दी थी कि दिल्ली को उनके हिस्से का पूरा पानी दिया जा रहा है। यही नहीं एक बार तो कोर्ट ने यह भी कहा था कि दिल्ली को 250 क्यूसिक ज्यादा पानी दिया जा रहा है। वह पानी अभी भी जारी है। कोर्ट ने उनके दोनों बैराज के भरे होन की शर्त भी लगाई थी, जिसके अनुसार पानी दिया जा रहा है।