यमुना के जलस्तर को लेकर सियासत तेज, सत्येंद्र जैन बोले- हरियाणा हमारे हिस्से का नहीं छोड़ रहा पानी, CM खट्टर ने दिया करारा जवाब

Yamuna
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दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली की यमुना नदी में हरियाणा की तरफ से जो पानी आता है वो 674.5 फीट होना चाहिए जो कम होकर 669 फीट रह गया है। इस वजह से दिल्ली में पानी की दिक्कत हो रही है। मैं हरियाणा से कहूंगा कि हमारे एग्रीमेंट के हिसाब से पूरा पानी छोड़े।

नयी दिल्ली। हरियाणा से छोड़े जाने वाले पानी को लेकर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है। यमुना नदी के घटते जलस्तर के बीच दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने हरियाणा पर कम पानी छोड़ने का आरोप लगाया है। जिस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने दिल्ली को पूरा पानी देने की बात कही और आम आदमी पार्टी पर इस मुद्दे को लेकर राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। 

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दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली की यमुना नदी में हरियाणा की तरफ से जो पानी आता है वो 674.5 फीट होना चाहिए जो कम होकर 669 फीट रह गया है। इस वजह से दिल्ली में पानी की दिक्कत हो रही है। मैं हरियाणा से कहूंगा कि हमारे एग्रीमेंट के हिसाब से पूरा पानी छोड़े। सत्येंद्र जैन का बयान ऐसे समय पर आया है जब दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना नदी के लगभग सूख जाने के कारण वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला जल शोधन संयंत्रों की उत्पादन क्षमता में और कमी आने की बात कही है।

दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि यमुना लगभग सूख चुकी है। वजीराबाद तालाब में जल स्तर 669.40 फुट तक घट गया है, जो इस साल अब तक का सबसे कम है। नतीजतन, वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला जल शोधन संयंत्रों में उत्पादन क्षमता 60-70 प्रतिशत तक कम हो गई है। ऐसे में सत्येंद्र जैन ने कहा कि हरियाणा, दिल्ली के पानी का उचित हिस्सा नहीं छोड़ रहा है। यमुना का जलस्तर 674.5 फीट से गिरकर 669 फीट रह गया है। इसलिए हमारे डब्ल्यूटीपी में पानी का उत्पादन 60-70 एमजीडी तक कम हो जाता है। हालांकि सत्येंद्र जैन के बयान पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का जवाब आया।

उन्होंने कहा कि वो (सत्येंद्र जैन) इस विषय पर झूठ बोलकर और फर्जी आंकड़े देकर राजनीति करते हैं वो दुर्भाग्यपुर्ण है। ये विषय कई बार सुप्रीम कोर्ट में जा चुका है। कोर्ट ने भी मुहर लगा दिया है कि उनको उनके शेयर के हिसाब से पानी मिलता है। बल्कि एक बार सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 250 क्यूसेक ज्यादा पानी देने के लिए कहा था तो वो भी लगातार चल रहा है। 

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गौरतलब है कि दिल्ली जल बोर्ड ने इस संबंध में हरियाणा सिंचाई विभाग को एक पखवाड़े में 12 मई, 3 मई और 30 अप्रैल को तीन बार पत्र लिखा है। हरियाणा दो नहरों (सीएलसी और डीएसबी) और यमुना के माध्यम से दिल्ली को एक दिन में कुल 610 मिलियन गैलन (एमजीडी) पानी की आपूर्ति करता है। सीएलसी और डीएसबी को मुनक नहर और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के माध्यम से हथिनी कुंड से पानी की आपूर्ति की जाती है।

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