माना जाता है कि मधुमेह एक ऐसी बीमारी है, जो अगर व्यक्ति को एक बार हो जाए तो फिर उससे छुटकारा नहीं पाया जा सकता। इतना ही नहीं, मधुमेह अन्य भी कई बीमारियों की वजह बन सकता है। मधुमेह के रोगी के लिए दवाइयों से ज्यादा जरूरी होता है खानपान पर नियंत्रण। खाने−पीने का ख्याल रखकर ना सिर्फ आप मधुमेह को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं, बल्कि अगर समय रहते कुछ घरेलू उपायों का सहारा लिया जाए तो इससे छुटकारा भी पाया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में−
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सेब का सिरका
सेब के सिरके में एसिटिक एसिड पाया जाता है, जो कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। मधुमेह रोगियों के लिए भी यह बेहद लाभकारी है। अगर आप रात में सोने से पहले दो चम्मच सेब का सिरका लें या फिर भोजन के साथ भी एक−दो चम्मच सेब का सिरका लिया जा सकता है। इससे कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन के ग्लाइसेमिक लोड को आसानी से कम किया जा सकता है। आप इसे अपने मील या सलाद के उपर डालकर सेवन कर सकते हैं।
एलोवेरा
एलोवेरा घरों में आसानी से मिल जाता है। हालांकि इसका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन आप इसका सेवन छाछ में मिलाकर कर सकते हैं या फिर एलोवेरा जूस का सेवन करें। इसके एंटी−इंफ्लेमेटरी गुण के कारण यह रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।
जामुन
मधुमेह रोगियों के लिए जामुन किसी वरदान से कम नहीं है। जामुन और इसके पत्ते रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मददगार साबित होते हैं। हर दिन लगभग 100 ग्राम जामुन का सेवन करने से आपके रक्त शर्करा के स्तर में जबरदस्त सुधार होता है।
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गुड़मार
भारत में आसानी से पाए जाने वाले इस औषधीय पौधे को मुख्य रूप से मधुमेह नियंत्रण के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। यह ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म से लेकर इंसुलिन लेवल तक को बेहतर बनाने में बेहद काम आता है। गुड़मार में हाइपोग्लइसेमिक क्रिया होती है जिसका मतलब यह है कि यह मानव शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। टाइप 2 डायबिटीज में यह बेहद ही लाभकारी है। गुड़मार को मधुमेह का देसी इलाज भी माना जाता है। हालांकि इसके इस्तेमाल से पहले मधुमेह की जांच अवश्य करें और एक बार डॉक्टर से परामर्श भी अवश्य लें।
मिताली जैन