By एकता | Aug 27, 2025
पारंपरिक शादियों के अलावा आजकल रिश्तों को देखने के कई नए तरीके सामने आ रहे हैं। इन्हीं में से एक दिलचस्प तरीका है मैरिज ग्रेजुएशन, जिसकी शुरुआत जापान में हुई थी। यह तलाक जैसा कड़वा अनुभव नहीं है, बल्कि एक ऐसा फैसला है जो लोग आपसी समझ और सम्मान से लेते हैं। यह उन लोगों के लिए एक नया विकल्प है जो रिश्ते में रहते हुए भी अपनी व्यक्तिगत पहचान, सपनों और आज़ादी को महत्व देते हैं।
मैरिज ग्रेजुएशन क्या है?
मैरिज ग्रेजुएशन को जापानी भाषा में सोत्सुकॉन (Sotsukon) कहते हैं। यह एक ऐसा रिश्ता है जहाँ पति-पत्नी आपसी सहमति से एक-दूसरे से अलग होकर अपनी जिंदगी जीते हैं, लेकिन कानूनी रूप से उनका रिश्ता बना रहता है। इस प्रक्रिया में तलाक की कानूनी उलझनें, भावनात्मक तनाव और कड़वाहट नहीं होती। इसे एक सम्मानजनक अलगाव माना जाता है, जहाँ दोनों साथी एक-दूसरे के प्रति अपना सम्मान बनाए रखते हैं।
मैरिज ग्रेजुएशन और तलाक में अंतर
मैरिज ग्रेजुएशन और तलाक दोनों ही रिश्ते को खत्म करने के तरीके हैं, लेकिन इनमें एक बड़ा फर्क है।
तलाक: यह एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें रिश्ते को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता है। यह अक्सर तनावपूर्ण और लंबी प्रक्रिया होती है, जिसमें कोर्ट और वकीलों का हस्तक्षेप होता है।
मैरिज ग्रेजुएशन: यह एक गैर-कानूनी, आपसी सहमति पर आधारित फैसला है। इसमें रिश्ता खत्म नहीं होता, बल्कि उसे एक नया रूप दिया जाता है। इसमें दोनों साथी दोस्त या रूममेट की तरह अपनी जिंदगी जी सकते हैं।
मैरिज ग्रेजुएशन के बाद जीवन
मैरिज ग्रेजुएशन अपनाने वाले जोड़े कई तरह से रह सकते हैं। कुछ लोग एक ही घर में अलग-अलग कमरों में रहते हैं और अपनी जिम्मेदारियाँ खुद उठाते हैं। वहीं, कुछ लोग अलग-अलग घरों में रहने लगते हैं, लेकिन फिर भी वे एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं और मुश्किल समय में एक-दूसरे की मदद करते हैं।
मैरिज ग्रेजुएशन उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, खासकर महिलाओं के लिए जो शादी के रिश्ते में रहते हुए भी अपनी पहचान और आत्मनिर्भरता को बनाए रखना चाहती हैं। यह एक ऐसा तरीका है जो लोगों को अपनी आज़ादी का जश्न मनाने और व्यक्तिगत विकास पर ध्यान केंद्रित करने का मौका देता है।