Brain Eating Amoeba । दिमाग खाने वाले अमीबा से केरल में अबतक तीन बच्चों की मौत, इस जानलेवा संक्रमण के बारे में विस्तार से जानें

By एकता | Jul 05, 2024

केरल में बुधवार रात को अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस संक्रमण से एक 14 साल के बच्चे की मौत हो गई। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मृदुल नाम के बच्चे को 24 जून को गंभीर सिरदर्द, मतली और उल्टी जैसे लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 3 जुलाई को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक, बच्चा कोझिकोड के एक छोटे तलाब में नहाने गया था, जहां से उसे संकम्रण होने का संदेह जताया जा रहा है।


केरल के स्वास्थ्य विभाग ने यह भी बताया कि दिमाग खाने वाले अमीबा से मौत का यह राज्य में तीसरा मामला था। पहला मामला 21 मई को मल्लपुरम में सामने आया था, जिसमें एक पांच साल की बच्ची की मौत हो गई थी। दूसरा मामला 25 जून को कन्नूर में सामने आया था, जिसमें 13 साल की बच्ची की मौत हो गई थी।


एक के बाद एक मौतों ने 'अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस संक्रमण' चर्चा का विषय बना दिया है। लोग दिमाग खाने वाला अमीबा के बारे में जानने के लिए गूगल का सहारा ले रहे है। अभी तक इस टॉपिक को 10,000 से ज़्यादा बार सर्च किया जा चुका है। ऐसे में चलिए दिमाग खाने वाले अमीबा के बारे विस्तार से बताते हैं।

 

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दिमाग खाने वाला अमीबा क्या है?

नेगलेरिया फाउलेरी को दिमाग खाने वाला अमीबा कहा जाता है। यह एक दुर्लभ सूक्ष्मजीव है, जो काफी खतरनाक होता है। नेगलेरिया फाउलेरी दिमाग में पहुंचकर गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है और दिमाग के टिश्यू को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इस संक्रमण को प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) के रूप में जाना जाता है।


इस संक्रमण के लक्षण क्या है?

प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के लक्षणों को दिखने में दो से पंद्राह दिनों के बाद प्रकट होते है और तेजी से बढते है। संक्रमण के शुरूआती चरण के लक्षणों में बहुत दर्दनाक सिरदर्द, तेज बुखार, गर्दन में अकड़न, मतली उल्टी शामिल हैं। बाद के चरणों में, पीड़ित भ्रमित या विचलित हो सकता है। इसके अलावा पीड़ित को दौरे पड़ सकते है, वह अपना संतुलन खो सकता है और कोमा में भी जा सकता है।


दिमाग खाने वाला अमीबा कहां पाया जाता है?

अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, अमीबा गर्म मीठे पानी की झीलों, नदियों और गर्म झरनों में पनपता है। दुर्लभ मामलों में, यह खराब रखरखाव वाले स्विमिंग पूल में भी पाया जा सकता है।

 

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यह संक्रमण कैसे फैलता है और इसका इलाज क्या है?

नेगलेरिया फाउलेरी नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और घ्राण संबंधी तंत्रिका के माध्यम से बड़ी आसानी से दिमान में पहुंच जाता है और संक्रमण फैलाता है। जानकारी के लिए बता दें कि यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। इलाज की बात करें तो इसका निदान करना मुश्किल होता है क्योकि 97% मामलों में यह घातक होता है।

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