अकेले रहने से डरते हैं आप, कहीं यह ऑटो फोबिया तो नहीं

By मिताली जैन | Aug 21, 2020

कई बार जब व्यक्ति के मन का डर उस पर इतना हावी हो जाता है कि वह उसकी लाइफ को ही नियंत्रित करने लगे तो यह फोबिया बन जाता है। फोबिया के कई प्रकार होते हैं और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस चीज से डरते हैं। इन्हीं प्रकारों में से एक है ऑटो फोबिया। यह वास्तव में अकेले रहने का डर है। जिसमें व्यक्ति कभी भी खुद को अकेला नहीं देखना चाहता और इसलिए ऐसे रिश्ते में रहने से भी उसे कोई परेशानी नहीं होती, जिसमें उसे शारीरिक व मानसिक प्रताड़नाएं सहनी पड़ती है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इस फोबिया के बारे में−

 

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क्या है ऑटो फोबिया

मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि ऑटो फोबिया वास्तव में अकेले होने या रहने का डर है। इसे एक सामाजिक और विशिष्ट फोबिया माना जाता है। जो लोग इस फोबिया से ग्रस्त होते हैं, उन्हें अकेले रहने के ख्याल से ही बहुत अधिक एंग्जाइटी होने लगती है। ऐसे व्यक्ति हमेशा एक रिश्ते में रहना चाहते हैं। अगर किसी कारणवश उनका रिश्ता टूट जाता है तो वह बिना सोचे−समझे जल्द ही दूसरे रिश्ते में बंध जाते हैं। ऐसे लोगों को अक्सर लगता है कि वह अपनी जिन्दगी में अकेले रह जाएंगे या फिर वे बूढ़े होकर अकेले ही मर जाएंगे। इस तरह के फोबिया से ग्रस्त व्यक्ति के लिए सामने वाले व्यक्ति का स्वभाव या फिर रिश्ते की क्वालिटी मायने नहीं रखती। बस वह हरदम किसी का साथ चाहते हैं।

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कारण व लक्षण

मनोवैज्ञानिक के अनुसार, इस फोबिया के पीछे कई कारण हो सकते हैं। मसलन, आत्म सम्मान में कमी, दुख, बचपन का कोई बुरा अनुभव या फिर अवसाद भी उनके इस डर का कारण बन सकता है। वहीं अगर लक्षणों की बात की जाए तो इस फोबिया के सबसे आम लक्षण हैं कांपना, सीने में दर्द, दिल की धड़कन, ऊंचा रक्तचाप, सांस की तकलीफ, तेजी से बोलने या बोलने में असमर्थता, शुष्क मुंह, पेट की ख़राबी व मतली आदि। इस फोबिया से पीडि़त व्यक्ति जब भी खुद को अकेला पाता है या फिर अकेले होने के बारे में सोचता है तो उसे यह लक्षण नजर आ सकते हैं।


मिताली जैन

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