जानिए कौन हैं अखिल गोगोई, जिन्हें एनआईए कोर्ट ने किया है रिहा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 23, 2021

असम के विधायक और रायजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई को एनआईए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल अखिल गोगोई पर नागिरकता संशोधन कानून के विरोध में हुए आंदोलन में शामिल होने का आरोप था। इस मामले में उन्हें UAPA कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। 

 

अब एनआईए कोर्ट ने इस मामले में उन्हें रिहा कर दिया है। आपको बता दें कि सीएए के विरोध में दिसबंर 2019 में व्यापक प्रदर्शन हुए थे और इन प्रदर्शनों के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा भी भड़क गई थी। ऐसे में आंदोलनों में भाग लेने के आरोप में अखिल गोगोई दिसंबर 2019 से ही हिरासत में ले लिया गया था। 

 

बीते साल ही रायजोर दल की स्थापना करने के बाद अखिल गोगोई शिबसागर विधानसभा सीट से हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उतरे और जीत गए। ऐसे में अब आपको बताते हैं कौन हैं अखिल गोगोई और वह राजनीति में कब सक्रिय हुए। 

 

कौन हैं अखिल गोगोई?

असम में किसानों के प्रमुख नेता माने जाने वाले अखिल गोगई एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद थे। एनआईए ने उन्हें राष्ट्रीय सुराक्षा कानून और यूएपीए के तहत सीएए के विरोध में प्रदर्शनों में शामिल होने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

 

अखिल गोगोई किसानों की संस्था कृषक मुक्ति संग्राम का नेतृत्व करते हैं और 2019 में ये संस्था नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों में शामिल थी। जिसमें पुलिस द्वारा की गई कथित गोलीबारी में पांच प्रदर्शनकारियों की जान चली गई थी। गोगई अब एक नई क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी राजयोर के अध्यक्ष हैं जो उन्होंने साल 2020 में ही बनाई है।  

 

कांग्रेस सरकार के दौरान भी किए गए थे गिरफ्तार

हाल ही में राज्य में हुए चुनावों में उन्होंने एक अन्य क्षेत्रीय दल AJP के साथ गठंबधन कर चुनाव लड़ा। दोनों ही पार्टियों का मूल नागिरकता संशोधन कानून था। अखिल गोगोई भी किसी समय पर अन्ना हजारे टीम के प्रमुख सदस्य हुआ करते थे। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह ही वह भी राजनीति में उतर आए हैं। 

 

 आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब गोगोई गिरफ्तार किए गए इससे पहले भी उन्हें कांग्रेस सरकार के दौरान गिरफ्तार किया जा चुका है। अखिल गोगोई असम में बांध और जमीन के मुद्दों पर सरकार का विरोध करते रहे हैं। इस साल फरवरी में एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।


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