By अंकित सिंह | Dec 07, 2021
उत्तर प्रदेश में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अचानक इस्लाम धर्म छोड़ने का ऐलान कर दिया था। अपने एलान के साथ ही रिजवी ने हिंदू धर्म अपना भी लिया। हिंदू धर्म में शामिल होकर वसीम रिजवी ने अपना नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी कर लिया। रिजवी से त्यागी बनने की कहानी गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में संपन्न हुई। लेकिन क्या आपको पता है कि वसीम रिजवी कौन है और उनकी बीवी बच्चों का अब क्या होगा?
कौन हैं वसीम रिजवी
अक्सर सर्खियों में रहने वाले वसीम रिजवी का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक साधारण से परिवार में हुआ था। उनके पिता रेलवे के कर्मचारी थे लेकिन जब रिजवी जब छठी क्लास में पढ़ रहे थे तभी उनके पिता का इंतकाल हो गया। इसके बाद परिवार की जिम्मेदारी रिजवी पर आ गई। रिजवी अपने भाई बहनों में सबसे बड़े थे। परिवार की जिम्मेदारी होने के कारण पढ़ाई पूरी करने के बाद रिजवी विदेश चले गए। सऊदी अरब में उन्हें एक होटल में काम करने करना पड़ा। जबकि जापान में उन्होंने कारखाने में काम किया।
रिजवी के सामाजिक संबंध अच्छे रहे हैं। इसी कारण उन्होंने नगर निगम का चुनाव लड़ने का भी फैसला किया। यहीं से राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। रिजवी ने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए मुस्लिम विरोध का भी सहारा लिया। सत्ता परिवर्तन के साथ ही वह भाजपा के भी करीबी हो गए। इससे पहले भी वह कई दफा अपने वक्तव्य के कारण विवादों में घिरे हैं। रिजवी ने राम जन्म भूमि की भी खूब पैरवी की है।
दिया था यह बयान
इससे पहले रिजवी ने इस साल उस समय विवाद खड़ा कर दिया था, जब उन्होंने कुरान से 26 आयत हटाए जाने के अनुरोध के साथ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। रिजवी ने आरोप लगाया था इनसे आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिमों ने उन्हें समुदाय से निष्कासित कर दिया है और वह कोई भी धर्म चुन सकते हैं। उन्होंने कहा, सनातन धर्म दुनिया में सबसे अच्छा है। मुसलमान, हिंदुओं के घर जलाते थे। वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने जोर दिया कि उनके परिवार के सदस्य हिंदूधर्म अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं और अगर वे ऐसा करते हैं तो उनका स्वागत है। एक अधिकारी ने बताया कि इस समारोह के दौरान मंदिर के प्रवेश बिंदु पर पुलिसकर्मियों द्वारा मीडिया कर्मियों और आगंतुकों की जांच की गई।
आपको रिजवी के कुछ विवादित बयान बताते हैं:-