By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 06, 2025
ओडिशा के पुरी में नौ दिन तक चलने वाली वार्षिक रथ यात्रा शनिवार को उस वक्त संपन्न हो गई जब भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ 12वीं सदी के मंदिर में लौट आए। इस यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल हुए।
पुरी के ग्रैंड रोड पर लाखों लोगों द्वारा खींचे गए देवताओं के रथ मंदिर के सिंह द्वार तक पहुंचे। ‘जय जगन्नाथ’ और ‘हरिबोल’ जैसे उद्घोष के बीच लाखों भक्तों ने भगवान बलभद्र के रथ ‘तलध्वज’, देवी सुभद्रा के ‘दर्पदलन’ और जगन्नाथ के ‘नंदीघोष’ को श्री गुंडिचा मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 12वीं सदी के मंदिर तक लाए।
वापसी रथ यात्रा को स्थानीय रूप से ‘बहुड़ा’ यात्रा कहा जाता है, जो भगवान जगन्नाथ और उनके दो भाई-बहनों की नौ दिन की वार्षिक यात्रा के समापन का प्रतीक है। ‘बहुड़ा’ यात्रा के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने स्वयं इस यात्रा की सभी गतिविधियों की निगरानी की, जबकि सभी शीर्ष पुलिस और नागरिक प्रशासन प्रमुख यह सुनिश्चित करने के लिए मौके पर मौजूद थे कि कोई अप्रिय घटना न हो पाए।