अरब सागर में बसा मूंगे के द्वीपों का गुलदस्ता है लक्षद्वीप

By रेनू तिवारी | Jan 16, 2018

नीला आसमान, चारों तरफ नीला पानी, सरसराती तेज हवाएं, सुनहरे सम्रुन्द्री तट, नारियल के घने जंगल, जादुई लैगूनों, बहुत कम आबादी, पर्यटकों से प्राय अछूता। टूना मछली के लिए दुनिया में मशहूर ये द्वीप समूह पर्यटकों की आवाजही पर काफी नियंत्रण होने की वजह से दूसरी सैरगाहों से काफी अलग है। कहते हैं कि मालदीव में माले एक उष्णकटिबंधीय स्वर्ग है। हम पूछते हैं कि, क्यों कोई कुछ सौ किलोमीटर की यात्रा करके यहाँ नहीं आना चाहेगा ये स्थान केरल से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो छुट्टी बिताने के लिए एक परफेक्ट जगह है? यहाँ पहुँचने के लिए आपका भारतीय वीजा भी आपकी पूरी मदद करता है। लक्षद्वीप जो पहले लक्कादीवस के नाम से जाना जाता था, 39 द्वीपों और छोटे द्वीपों का एक समूह है, जो तेजी से एक पर्यटक आकर्षण बन गया है, विशेष रूप से ये जगह उन लोगों के लिए जो प्रकृति को पसंद करते हैं और एकंतमय सूरज और रेत के आस पास छुट्टी मनाने का विचार कर रहे हैं। 

क्या है यहां आकर्षक

 

अगाती द्वीप

इस द्वीप को लक्षद्वीप के प्रवेश द्वार के नाम से भी जाना जाता है साथ ही ये यहाँ आने वालों के लिए एक बहुत ही लोकप्रिय स्थल है, ये द्वीप इतना खूबसूरत है की अगर आप लक्षद्वीप आएं और यहाँ न घूमें तो आपकी यात्रा आधूरी होगी। यहाँ आने के लिए आपको लक्षद्वीप के किसी भी हिस्से से बोट हमेशा तैयार मिलेंगी मुख्यतः नौकाएँ ही यहाँ यातायात का मुख्य माध्यम है। इसके अलावा, अगाती ही पूरे लक्षद्वीप द्वीप समूह में घरेलू हवाई अड्डा प्रदान करता है जहाँ से आसानी से कोचीन और बंगलौर के लिए प्रस्थान किया जा सकता है। ये एयरपोर्ट अगाती द्वीप के दक्ष‌िण में बना हुआ है और लक्षद्वीप की ये अकेली हवाई पट्टी है. 4000 फीट लंबाई वाली ये छोटी सी हवाई पट्टी देखने में जितनी सुंदर लगे लेकिन यहां जहाज उतारना काफी ख़तरनाक है।


मलिकु द्वीप

मलिकु द्वीप जिसे मिनिकॉय या मलिकु एटोल के नाम से भी जाना जाता है, लक्षद्वीप द्वीप समूह का दक्षिणी द्वीप है। ऐतिहासिक दृष्टि से आज एक अलग राष्ट्र के रूप में जाने जाना वाला मालदीव का एक हिस्सा है, मिनिकॉय दोनों तरह से जैसे सांस्कृतिक और भाषायी समानताएं मालदीव के साथ रखता है। यह एक अपेक्षाकृत छोटा द्वीप है जो लंबाई में 10 किलोमीटर के आसपास है और इसके विस्तृत क्षेत्र 1 किलोमीटर के आसपास है। इस द्वीप को 1976 में भारत और मालदीव के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत को सौंपा गया था। 1982 में मालदीव के उच्च नेताओं द्वारा कुछ टिप्पणी करने के कारण कुछ समय के लिए ये स्थान विवाद केंद्र था, लेकिन यह मामला जल्दी ही सुलझाया दिया गया था।


कल्पेनी द्वीप

भारत की भूमि पर स्थित और कोचीन के तट से लगभग एक सौ पचास मील की दूरी पर कल्पेनी एक छोटा सा द्वीप है, जो केवल 2.8 वर्ग किलोमीटर का है। यह उत्तर-दक्षिण गठबंधन द्वीप मुख्य रूप से अपने सुंदर 2.8 किलोमीटर चौड़े लैगून के लिए जाना जाता है। कलपेनी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध अपने टिप बीचों के लिए है, जिसपर आप सफ़ेद रेतीला समुद्र तट साफ़ पानी और रंगीन लैगून देखेंगे । ये जगह पानी में गोता लगाने वालों के लिए सर्वोत्तम स्थान है। यहाँ प्रायः दोपहर में लोगों को श्वास नली लगाये हुए डाइविंग करते हुए देखा जा सकता है। यहाँ ये भी कहा जाता है की यदि आपने यहाँ गोता नहीं लगाया तो आपने कुछ नहीं किया।

 

कवरत्ती द्वीप

कवरत्ती लक्षद्वीप द्वीप समूह में मज़ा करने का केंद्र बन गया है। भारत के मुख्य भूमि कोचीन के तट से लगभग 360 किलोमीटर और अगाती जो की लक्षद्वीप का घरेलू हवाई अड्डा है से 50 किलोमीटर से थोड़ी अधिक दूरी पर है, कवरत्ती मुख्य भूमि से नाव द्वारा और अगट्टी से हेलिकॉप्टर और नाव सेवाओं द्वारा जुड़ा है। कावारत्ती लक्षद्वीप द्वीप समूह की राजधानी और मुख्यालय है।

 

- रेनू तिवारी

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