By रेनू तिवारी | Oct 03, 2022
हैदराबाद। तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद में रहने वाले तीन लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध गुर्गों को गिरफ्तार कर किया। जिनके बारे में अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर शहर में दशहरा रैली के दौरान हमला करने की योजना बनाई थी। माना जा रहा है कि आईएसआईएस से प्रेरित इन लोगों की हथगोले बनाकर उन्हें रैली के दौरान फेंकने की योजना था। तीनों की पहचान मोहम्मद अब्दुल जाहेद उर्फ मोटू, मलकपेट के मोहम्मद समीउद्दीन और हुमायूं नगर के माज़ हसन फारूक, पुराने हैदराबाद में मुठभेड़ के दौरान में पकड़े गए थे।
आरोपियों के पास से चार ग्रेनेड, चार लाख रुपये नकद और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। उन पर संघ और भाजपा पदाधिकारियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने आतंक फैलाने और दहशत और सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने के लिए एक खाका तैयार किया था। उन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। प्राथमिकी में चार अन्य संदिग्धों के नाम हैं: आदिल अफरोज, अब्दुल हादी, सोहेल कुरैशी और अब्दुल कलीम उर्फ हादी भी शामिल हैं। फिलहाल ये चारों फरार हैं।
मुख्य साजिशकर्ता जाहिद ने खुलासा किया कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, सीमा पार लश्कर संचालकों और तीन भगोड़े हैदराबादी संदिग्ध आतंकवादियों- फरहतुल्ला गोरी, सिद्दीकी बिन उस्मान और अब्दुल मजीद के संपर्क में था। बताया जा रहा है कि ये तीनों पाकिस्तान में हैं और आईएसआई के लिए काम कर रहे हैं। एसआईटी के एक अधिकारी ने कहा “जाहिद और उसका समूह त्योहारों के मौसम में आतंक फैलाने के लिए भाजपा, आरएसएस की बैठकों और बम दशहरा जुलूसों पर हथगोले फेंकने की योजना बना रहा था।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पाकिस्तान स्थित हैंडलर, गोरी, हंजाला और मजीद ने जाहिद को भर्ती करने वालों की मदद करने और हैदराबाद में आतंकवादी हमले करने में मदद करने के लिए धन का इस्तेमाल किया था। जाहेद पहले हैदराबाद में आतंकवाद से संबंधित मामलों में शामिल था, जिसमें 2005 में बेगमपेट में शहर के पुलिस आयुक्त के टास्क फोर्स कार्यालय पर आत्मघाती हमला भी शामिल था।