लेबनान ने बेरूत बंदरगाह के कुछ अधिकारियों को किया नजरंबद, अमोनियम नाइट्रेट को हटाने की दी थी चेतावनी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 06, 2020

बेरूत। लेबनान की राजधानी बेरूत की बंदरगाह पर हुए भयंकर विस्फोट के कारण का सुराग हासिल करने के लिए बुधवार को जांचकर्ताओं ने मलबे की तलाशी लेना शुरू कर दी। वहीं सरकार ने बंदरगाह के अधिकारियों को जांच लंबित रहने तक नजरबंद कर दिया। लेबनान के नेता मंगलवार को हुए विस्फोट के बाद की स्थिति से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, इस बीच अंतरराष्ट्रीय सहायता उड़ानें पहुंचना शुरू हो गई हैं। देश पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहा है और लोग आपदा के लिए लंबे अरसे से चले आ रहे कुप्रबंधन और सत्ताधारी लोगों में भ्रष्टाचार को जिम्मेदार बता रहे हैं। इस विस्फोट में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और हजारों जख्मी हैं। अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। विस्फोट में एक अस्पताल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। वह अपने सभी मरीजों को नजदीक के ही अस्पताल ले गया है। विस्फोट के कारण शहर में मीलों दूर तक इमारतों को नुकसान पहुंचा है। बेरूत के गवर्नर ने बुधवार को कहा कि हजारों लोग दो तीन महीने तक अपने घरों को नहीं लौट पाएंगे। इस बीच एक सरकारी पत्र ऑनलाइन साझा किया जा रहा है जिसमें सीमा शुल्क विभाग का प्रमुख चेतावनी दे रहा है कि बंदरगाह के हैंगर में रखे अमोनियम नाइट्रेट को हटा लिया जाए, नहीं तो इससे खतरा हो सकता है। साल 2013 में एक पोत से 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था और तब से यह पोत पर ही रखा हुआ था।

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माना जाता है कि मंगलवार को इसके पास आग लगी जिससे इसमें विस्फोट हो गया। वह कह रहे हैं कि इसी तरह के पांच पत्र 2014,2015 और 2016 में भेजे जा चुके हैं। सीमा शुल्क विभाग के प्रमुख द्वारा 2017 में एक न्यायाधीश को लिखे गए पत्र की तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी है। अगर यह पत्र सही है तो यह उन लोगों के इस विश्वास को पक्का करेगा कि विस्फोट के लिए राजनीतिक वर्ग में व्याप्त कुप्रबंधन, लापरवाही और भ्रष्टाचार जिम्मेदार है। विस्फोट की वजह से 3.5 तीव्रता का भूकंप आ गया। शहर में 1975 से 1990 तक गृह युद्ध छिड़ा हुआ था और यह विस्फोट अबतक का सबसे भीषण था। राष्ट्रपति माइकल औन ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में संकल्प लिया कि जांच पारदर्शी होगी तथा जो जिम्मेदार होंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “कल रात बेरूत में हुई तबाही को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। “

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बैठक के बाद, उन्होंने बेरूत पोत के अधिकारियों को जांच लंबित रहने तक नजरबंद रखने के आदेश दिए हैं। हालांकि कितने अधिकारियों को नजरबंद किया गया है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। जांच इस बात की हो रही है कि इतने सालों तक पोत पर अमोनियम नाइट्रेट कैसे पड़ा रहा। सरकार ने देश में दो हफ्तों के लिए आपातकाल लगा दिया है जिससे सेना को पूर्ण शक्ति मिल जाती है। सरकारी अभियोजक जी ओएदात ने सुरक्षा एजेंसियों को तत्काल जांच शुरू करने तथा पोत पर रखी सामग्री से संबंधित सभी रिपोर्ट और पत्रों को इकट्ठा करने तथा हैंगर के उन लोगों की सूची बनाने को कहा है जो रखरखाव, भंडारण आदिके प्रभारी हैं। सरकार ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में उन लोगों को रखा जाएगा जिनके घर तबाह हो गए हैं।

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