सरकार रिलायंस के पंचनिर्णय मामले में ले रही कानूनी सलाह

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 12, 2016

सरकार रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके भागीदारों द्वारा उसके खिलाफ 1.55 अरब डालर की मांग के संबंध में पंच निर्णय में दायर मामले में अपनी पैरवी के बारे में कानूनी सलाह ले रही है। सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.55 अरब डालर का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उसके कृष्णा गोदावरी स्थित केजी-डी6 तेल क्षेत्र से ओएनजीसी के अधिकार क्षेत्र वाले तेल ब्लॉक की गैस को अनुचित तरीके से निकालने जाने पर लगाया गया है।

 

रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटेन की उसकी भागीदार कंपनी बीपी पीएलसी और कनाडा के नीको रिसोर्सिज ने 11 नवंबर को सरकार के खिलाफ पंच निर्णय का नोटिस भेजा है। यह नोटिस 1.55 अरब डालर की मांग के खिलाफ जारी किया गया है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें नोटिस मिला है और हम इसका अध्ययन कर रहे हैं। हम नोटिस पर कानून मंत्रालय की सलाह लेंगे और उसके बाद मामले में अपना पक्ष रखेंगे।’’

 

उत्पादन भागीदारी अनुबंध (पीएससी) के तहत तय विवाद निपटान प्रणाली में कोई विवाद होने पर पंच निर्णय का नोटिस जारी होने के छह माह के भीतर मध्यस्थ का नाम तय करना होता है। इस लिहाज से रिलायंस और उसके भागीदारों के पास मध्यस्थ का नाम तय करने के लिये 10 मई तक का समय है। इसके बाद सरकार अपनी तरफ के मध्यस्थ का नाम तय करेगी और उसके बाद दोनों मध्यस्थ पंच निर्णय की अध्यक्षता करने वाले न्यायधीश का नाम तय करेंगे। यह तीन सदस्य पैनल ही उसके बाद मामले का फैसला करेगा।

 

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