By अनन्या मिश्रा | Nov 08, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव में कुटुंबा विधानसभा सीट की लड़ाई काफी अहम रहने वाली है। यहां से लगातार दो बार से कांग्रेस उम्मीदवार को जीत मिली है। हालांकि कुटुंबा सीट का वोटिंग पैटर्न इस ओर इशारा करता है कि कांग्रेस के राजेश कुमार वहां की जनता की पहली पसंद कम और एकमात्र ऑप्शन ज्यादा हैं। कुटुंबा सीट औरंगाबाद जिले में स्थित है। इसका इतिहास काफी पुराना नहीं है। बता दें कि इस सीट पर अब तक 3 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं।
कुटुंबा विधानसभा सीट से लगातार दो बार कांग्रेस के राजेश राम उर्फ राजेश कुमार विधायक रहे हैं। ऐसे में महागठबंधन ने इस सीट से मौजूदा विधायक राजेश कुमार को कांग्रेस के सिंबल पर टिकट दिया है। वहीं एनडीए की ओर से हम पार्टी ने ललन राम को अपना उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज पार्टी ने इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाते हुए यहां से श्याम बली सिंह को टिकट दिया है।
बता दें कि इससे पहले साल 2020 में ललन राम ने इस सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन उस समय ललन सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और उन्होंने 20,433 वोट प्राप्त किए थे। वहीं इससे पहले साल 2010 में हुए इस सीट पर पहले में जेडीयू से ललन राम जीत हासिल कर विधायक बने थे। वहीं इस बार ललन राम को एनडीए गठबंधन से टिकट मिला है। ऐसे में उनके जीतने की संभावना बढ़ गई है।
फिर साल 2015 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश राम ने जीत हासिल की और वह विधायक बने। फिर साल 2020 के चुनाव में राजेश राम ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत का परचम लहराते हुए लगातार दूसरी बार विधायक बने। एनडीए प्रत्याशी ललन राज और जन सुराज उम्मीदवार श्याम बली सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से कांग्रेस की जीत की डगर मुश्किल हो गई है।