Laxmi Avatar: मां लक्ष्मी ने पृथ्वी पर लिए कई अवतार, इन मंत्रों के जाप से प्रसन्न होंगी धन की देवी

By अनन्या मिश्रा | Mar 21, 2024

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक क्षीर सागर से समुद्रमंथन के समय महालक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। जिसके बाद महालक्ष्मी ने श्रीहरि विष्णु को अपने वर के रूप में स्वीकार किया था। बता दें कि महालक्ष्मी को श्री के रूप में भी जाना जाता है। तमाम धार्मिक ग्रंथों में देवी महालक्ष्मी को सप्त ऋषियों में से एक महर्षि भृगु की पुत्री बताया गया है।

 

बताया जाता है कि महालक्ष्मी का समुद्रमंथन के समय पुनर्जन्म हुआ था। जिसके बाद वह वैकुंठ लोक में वास करने लगी थीं। वहीं महालक्ष्मी ने श्रीहरि विष्णु के श्रीराम अवतार में मां सीता और श्रीकृष्ण अवतार में देवी राधा का अवतार लिया था।

इसे भी पढ़ें: Khatu Shyam Mela 2024: आस्था के प्रतीक हैं खाटू के श्री श्याम, वार्षिक मेले में आते हैं लाखों श्रद्धालु


मां महालक्ष्मी के पुत्र

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक श्री महालक्ष्मी के 18 पुत्र हैं। जिनके नाम देवसखा, आनन्द, कर्दम, श्रीप्रद, सम्वाद, विजय, चिक्लीत, जातवेद, अनुराग, वल्लभ, मद, हर्ष, बल, गुग्गुल, कुरूण्टक, तेज, दमक और सलिल हैं।


मां लक्ष्मी का स्वरूप

मां लक्ष्मी को कमल-पुष्प पर खड़ी या विराजमान मुद्रा में चतुर्भुज रूप में चित्रित किया जाता है। वह अपने ऊपर के दो हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं और मां लक्ष्मी का एक हाथ वरदान मुद्रा में होता है। जो अपने भक्तों को सुख-संपत्ति और समृद्धि प्रदान करता है। मां लक्ष्मी का अंतिम हाथ अभय मुद्रा में रहता है। श्रीलक्ष्मी लाल रंग के वस्त्र धारण करती हैं और स्वर्णाभूषणों से अलंकृत रहती हैं। श्रीलक्ष्मी के मुख पर हमेशा शांति और सुख का भाव रहता है। मां के पास 2 या 4 हाथी उनका जलाभिषेक करते रहते हैं। वहीं देवी लक्ष्मी का वाहन श्वेत गज और उल्लू है।


लक्ष्मी जी के अवतार

मां आदिलक्ष्मी इस सृष्टि की सर्वप्रथम माता हैं।

मां धनलक्ष्मी धन और संपत्ति प्रदान करती हैं।

मां धान्यलक्ष्मी अन्न और आहार प्रदान करने वाली हैं।

मां गजलक्ष्मी सभी को शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करती हैं।

मां संतानलक्ष्मी वंश वृद्धि और संतान प्रदान करती हैं।

मां वीरलक्ष्मी साहस और वीरता प्रदान करने वाली हैं।

मां विजयलक्ष्मी सभी शत्रुओं पर विजय प्रदान करने का आशीर्वाद देती हैं।

मां ऐश्वर्यलक्ष्मी सभी तरह के भोग-विलास प्रदान करने वाली हैं।


मां लक्ष्मी के इन महालक्ष्मी स्वरूपों को अष्टलक्ष्मी के नाम से जाना जाता है। इन अष्टलक्ष्मी के स्वरूपों के अलावा मां लक्ष्मी की अन्य रूपों में भी पूजा-अर्चना की जाती है।


मां विद्यालक्ष्मी सभी को ज्ञान और विद्या प्रदान करने वाली हैं।

मां राज्यलक्ष्मी राज्य और भू-संपत्ति प्रदान करने वाली हैं।

मां सौभाग्यलक्ष्मी सौभाग्य देने वाली हैं।

मां वरलक्ष्मी वरदान प्रदान करने वाली हैं।

मां धैर्यलक्ष्मी धैर्य प्रदान करने वाली हैं।


देवी लक्ष्मी के मंत्र


लक्ष्मी बीज मन्त्र

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥


महालक्ष्मी मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥


लक्ष्मी गायत्री मंत्र

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,

तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

प्रमुख खबरें

Swati Maliwal मामले पर बोले अखिलेश यादव, और भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, मणिपुर और रेवन्ना पर पहुंच गए संजय सिंह

दबाने, छुपाने, मनाने में बीते 3 दिन, स्वाति मालीवाल सिर्फ पिटी नहीं बल्कि पिटवाने वाले को भी लगाए 2? क्या है शीशमहल की दीवारों का सच

Barabanki Lok Sabha Seat: बाराबंकी में मोदी मैजिक के भरोसे भाजपा, पार्टी को सपा-कांग्रेस गठबंधन से मिल रही कड़ी टक्कर

UP: वाराणसी से खारिज हुआ कॉमेडियन श्याम रंगीला का नामांकन, सामने आई ये बड़ी वजह