Madhavrao Scindia Birth Anniversary: जमीन से जुड़े नेता थे माधवराव सिंधिया, दो बार बनते-बनते रह गए CM

By अनन्या मिश्रा | Mar 10, 2025

आज ही के दिन यानी की 10 मार्च को कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे माधवराव सिंधिया का जन्म हुआ था। वह राजघराने से ताल्लुक रखते थे। वह सिर्फ शाही वारिस ही नहीं बल्कि एक प्रभावशाली राजनेता भी थे। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर जनसंघ से शुरू किया था। चार दशक के राजनीतिक करियर में दो मौके ऐसे भी थे, जब माधवराव सिंधिया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के एकदम करीब पहुंचे। लेकिन दोनों बार ही माधवराव की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर माधवराव सिंधिया के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


जन्म और शिक्षा

मुंबई में 10 मार्च 1945 को माधवराव सिंधिया का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम जीवाजीराव सिंधिया था, जोकि ग्वालियर के महाराज थे। माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर के प्रतिष्ठित सिंधिया स्कूल से पढ़ाई की। फिर आगे की शिक्षा विनचेस्टर कॉलेज और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पूरी की। वहीं साल 1961 में पिता जीवाजीराव सिंधिया की मृत्यु के बाद माधवराव सिंधिया ग्वालियर के महाराज बने।

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राजनीतिक सफर

साल 1971 में पहली बार माधवराव सिंधिया राजनीति में आए। वहीं कुछ समय बाद ही वह देश के बड़े नेताओं में शुमार हो गए। साल 1991 से 1993 के बीच वह नरसिम्हा राव सरकार में नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्री भी रहे। बता दें कि उन्होंने 26 साल की उम्र में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद उनकी जीत का सिलसिला शुरू हो गया था। वहीं साल 1977 में हुए चुनावों में उन्होंने गुना से जीत हासिल की। 


जनसंघ से अपने राजनीतिक सफऱ की शुरूआत करने वाले माधवराव सिंधिया का 80 के दशक में झुकाव कांग्रेस की ओर हो गया। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता भी ले ली। कांग्रेस में शामिल होने के बाद साल 1984 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई। दरअसल, भाजपा के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर से चुनावी मैदान में उतरे। तो वहीं कांग्रेस ने अंतिम समय में ग्वालियर से माधवराव सिंधिया को अपना उम्मीदवार बनाया। वहीं माधवराव सिंधिया ने जीत हासिल की और उनको रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई।


मृत्यु

कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया 30 सितंबर 2001 को अपने प्राइवेट प्लेन से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक सभा को संबोधित करने के लिए जा रहे थे। तभी भैंसरोली के पास उनका एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया था। इस हादसे में सिंधिया समेत सभी लोगों की मौत हो गई थी।

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