एग्जिट पोल आने के बाद भाजपा का उत्साह चरम पर है। एग्जिट पोल के अनुसार अगर लोकसभा चुनाव के परिणाम आते है तो इसका असर कुछ राज्यों की सरकारों पर भी पड़ेगा जिसकी शुरूआत मध्यप्रदेश से हो गई है। जी हां, मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करते हुए दावा किया कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में चल रही है। वहीं सरकार की तरफ से कहा गया है कि हम मजबुती से सरकार चला रहे है और भाजपा दिन में सपने देखना बंद करें।
गोपाल भार्गव ने कहा कि मझे नेताओं के खरीद फरोख्त पर विश्वास नही है और कमलनाथ सरकार ऐसे ही गिर जाएगी क्योंकि मुझे लगता है कि इसका समय आ गया है और इन्हें जल्द ही जाना होगा। उन्होंने कहा कि हम विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल को पत्र भेज रहे हैं क्योंकि बहुत सारे मुद्दे हैं। इससे पहले भाजपा लगातार यह दावा करती आ रही है कि मध्यप्रदेश में लंगड़ी-लुल्ली सरकार है जिसने कर्जमाफी के नाम पर जनता से छल किया है।
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आपको बता दें कि 231 मध्यप्रदेश विधानसभा में सरकार चलाने के लिए 116 का आकड़ा रहना चाहिए। 2018 में हुए किधान सभा में यहा किसी बी पार्टी को बहुमत नही मिली और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। कांग्रेस को 113 सीटें मिली थी वहीं भाजपा को 109। कांग्रेस निर्दलिय(4), बसपा(2) और सपा(1) के साथ मिलकर सरकार चला रही है।