योग गुरु के साथ-साथ महान दार्शनिक भी थे महर्षि श्री अरबिंदो, उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

By रेनू तिवारी | Aug 15, 2022

श्री अरबिंदो एक भारतीय दार्शनिक, योग गुरु, महर्षि, कवि और भारतीय राष्ट्रवादी थे। वे वंदे मातरम जैसे समाचार पत्रों का संपादन करने वाले पत्रकार भी थे। इसके अलावा वह ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए भारतीय आंदोलन में शामिल भी हुए। भारत में जब भारतीय आंदोलनों ने अंग्रेजों को हिलाकर रख दिया था उस समय श्री अरबिंदो कई आंदोलनों का हिस्सा थे। 1910 तक श्री अरबिंदो को प्रभावशाली नेताओं में से एक कहा जाता था। इसके बाद उन्होंने भारतीय भूमि पर होने वाले अन्याय को खत्म करने के लिए एक आध्यात्मिक सुधारक बन गए, उन्होंने मानव प्रगति और आध्यात्मिक विकास पर अपने दृष्टिकोण का परिचय दिया।


अरबिंदो ने किंग्स कॉलेज, कैम्ब्रिज, इंग्लैंड में भारतीय सिविल सेवा के लिए अध्ययन किया। भारत लौटने के बाद उन्होंने बड़ौदा रियासत के महाराजा के अधीन विभिन्न सिविल सेवा कार्य किए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में राष्ट्रवादी राजनीति और अनुशीलन समिति के साथ बंगाल में नवजात क्रांतिकारी आंदोलन में तेजी से शामिल हो गए। जब वह आंदोलन का हिस्सा थे उस दौरान एक सार्वजनिक स्थान पर बम विस्फोट हुए और इस विस्फोटों को करवाने के आरोप में अंग्रेजों ने अरबिंदो को गिरफ्तार भी किया था। उन्हें अलीपुर षडयंत्र के लिए राजद्रोह के आरोपों का सामना करना पड़ा था। तमाम आरोपों के बाद जब जांच हुई तो उनका नाम किसी भी षडयंत्र में नहीं आया हालाँकि श्री अरबिंदो को केवल भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लेख लिखने के लिए दोषी ठहराया जा सकता था और कैद किया जा सकता था। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के गवाह नरेंद्रनाथ गोस्वामी की हत्या के बाद, जब कोई सबूत नहीं दिया जा सका, तो उन्हें रिहा कर दिया गया। जेल में रहने के दौरान उन्हें रहस्यमय और आध्यात्मिक अनुभव हुए, जिसके बाद वे आध्यात्मिक कार्यों के लिए राजनीति छोड़कर पांडिचेरी चले गए।

इसे भी पढ़ें: भीकाजी कामा ने पहली बार विदेशी धरती पर फहराया था भारत का झंडा, दिया था मजबूत संदेश

पीएम मोदी हर बार 15 अगस्त के अपने भाषण में महर्षि अरबिंदो का जिक्र जरूर करते हैं। 15 अगस्त के दिन ही साल 1872 में महान क्रांतिकारी और योगी श्री अरविंद का जन्म हुआ था। जब वे सात वर्ष के थे उन्हें शिक्षा के लिये अपने भाइयों के साथ इंग्लैण्ड भेज दिया गया। श्री अरबिंदो के पिता की इच्छा थी कि प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगिता में भाग लें और भारत में आकर एक उच्च पद पर सरकार की सेवा करें। भारत लौटने के बाद महर्षि अरबिंद का रुझान स्वाधीनता की ओर होने लगा। इसी बीच 1902 में उनकी मुलाकात क्रांतिकारी बाल गंगाधर तिलक से हुई। महर्षि अरबिंदों ने अपने विचार लोगों तक पहुंचाने के लिए 'वन्दे मातरम' नाम के अखबार का प्रकाशन किया था। उनके संपादकीय लेखों ने उन्हें अखिल भारतीय ख्याति दिला दी। महर्षि अरबिंदो की क्रांतिरकारियों गतिविधियों से अंग्रेजो ने भयभीत होकर सन 1908 में उन्हें और उनके भाई को अलीपुर जेल भेजा। जेल से वापस आकर वो पुणे में रहने लगे। 


महर्षि श्री अरविन्द एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी, महान् स्वतंत्रता सेनानी, कवि, प्रकांड विद्वान, योगी और महान दार्शनिक थे। उन्होंने अपना जीवन भारत को आजादी दिलाने, नये मानव का निर्माण और पृथ्वी पर जीवन के विकास की दिशा में समर्पित कर दिया। उन्होंने केवल 18 वर्ष की आयु में ही आईसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। इसके साथ ही उन्होंने अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, ग्रीक एवं इटैलियन भाषाओं में भी निपुणता प्राप्त की थी। इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थों पर टीका लिखी। योग साधना पर मौलिक ग्रन्थ लिखे। उनका पूरे विश्व में दर्शन शास्त्र पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है और उनकी साधना पद्धति के अनुयायी सब देशों में हैं। वे कवि भी थे और गुरु भी।

इसे भी पढ़ें: नई पीढ़ी के लिए हमेशा प्रेरणा देता रहेगा शहीद खुदीराम बोस का व्यक्तित्व

महर्षि श्री अरविन्द का प्रमुख साहित्यिक काम जीवन को सुन्दर बनाना था, सावित्री- उनके जीवन की अद्भुत एवं महान् रचना है। सावित्री एक महाकाव्य की कविता है जिसमें महाराष्ट्र को परिभाषित किया गया है, जहां उनके चरित्र को सम्पूर्ण योग करते हुए दर्शाया गया है। 1943 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए उनका नाम निर्देशित किया गया था और 1950 के शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए भी उनका नाम निर्देशित किया गया था। महात्मा गांधी के अहिंसा के तत्व का पालन करते हुए वे भारत में मानवी जीवन का विकास और लोगों की आध्यात्मिकता को बदलना चाहते थे। 1900 के आसपास उन्होंने आध्यात्मिक जीवन एवं योगाभ्यास में भी रूचि लेना प्रारम्भ कर दिया था।


- रेनू तिवारी

प्रमुख खबरें

Horoscope 06 December 2025 Aaj Ka Rashifal: सभी 12 राशियों का कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें आज का राशिफल

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई