डेटिंग एप्स के जरिये आप भी कर सकते हैं दिल का ''कारोबार'', होगा बड़ा मुनाफा

By कमलेश पांडे | Sep 13, 2018

यदि आप सुशिक्षित बेरोजगार हैं तो ऑनलाइन डेटिंग की सुविधा प्रदान करके आप अपना एक सुरक्षित रोजगार शुरू कर सकते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में मारामारी फिलवक्त काफी कम है। आप इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं। देखा जाए तो बदलते जमाने के बीच ऑनलाइन डेटिंग तेजी से उभरता हुआ एक नया कारोबार है जिसमें पैसे के साथ-साथ पेशेवर तसल्ली भी काफी मिलती है, क्योंकि देश-दुनिया के नौजवानों के दूरगामी हित में आप कुछ सकारात्मक कर रहे होते हैं।

 

इस नए धंधे को ऑनलाइन तरीके से जमाने के लिए जहां बड़े पैमाने पर पूंजी व तकनीकी रूप से कुशल टीम की जरूरत होती है। लेकिन यदि आप इसे ऑफलाइन करना चाहेंगे तो कम पूंजी में ही वाक्चातुर्य और भरोसेमंद व्यक्तिगत नेटवर्क से आप अपना काम चला सकते हैं। यदि दोनों तरीके अपना लिए तो सफलता सुनिश्चित होगी, क्योंकि एक भी ग्राहक नहीं छूटेगा।

 

दरअसल, यह एक ऐसा कारोबार है जो युवाओं को उनके व्यक्तिगत मकसद को पाने, उसे सही तरीके से तलाशने और फिर अनुभवजन्य कमियों के चलते दो अविवाहित लोगों के बीच परस्पर घनिष्ठ परिचय होने के बावजूद उत्पन्न हुई दूरियों को खत्म करने में मदद करता है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में 11 करोड़ से अधिक लोग अविवाहित हैं, जिनको एक अच्छे पार्टनर की तलाश है।

 

यही वजह है कि ऑनलाइन/ऑफलाइन डेटिंग की मनोनुकूल सुविधा उपलब्ध करवाने वाली कंपनियों को तेजी से इस बढ़ती संख्या में अपने लिए कोई संभावित उपभोक्ता नजर आए, क्योंकि देखते ही देखते भारत भी ऑनलाइन/ऑफलाइन डेटिंग के लिए एक बड़े बाजार के तौर पर उभर रहा है। निकट भविष्य में इसमें ग्रोथ की भी अच्छी संभावनाएं नजर आ रही हैं।

 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मौजूदा दशक 2010-2019 में ही अमेरिका सहित अन्य विकसित व विकासशील पश्चिमी देशों में ऑनलाइन डेटिंग का चलन अपने उफान पर था। यही वजह है कि इस दिशा में सक्रिय टिंडर, ओकेक्यूपिड जैसे स्टार्टअप्स ने इस दौरान खूब पैसा कमाया और अपनी पूंजी बढ़ाई। क्योंकि इन मोबाइल ऐप्स के जरिए लोगों को अपने दोस्त, व्यक्तिगत पार्टनर और किसी कारणवश एक दूसरे से दूर जा चुके पति-पत्नी भी आसानी से मिले। 

 

यह सही है कि पहले भारत के लिए ऑनलाइन डेटिंग का बाजार रुचिकर नहीं माना जा रहा था, लेकिन वह प्रारम्भिक दौर था जिसमें आज बहुत बड़ा बदलाव आ चुका है। फिलवक्त भारत देश में टिंडर, ट्रूलीमैडली, आईक्रशआईफ्लश, आय्ल जैसे ऐप्स सक्रिय हैं जिन्होंने अपने लिए तकरीबन 11 करोड़ से ज्यादा लोगों का बाजार तैयार कर लिया है।

 

वास्तव में, इस संख्या को दृष्टिगत रखते हुए ही ऑनलाइन डेटिंग के बिजनेस मॉडल्स तैयार किए जा रहे हैं और इस क्षेत्र में ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन बाजार की भी सम्भावनाएं तलाशी जा रही हैं। बहुत सारे लोग सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस कारोबार को छोटे-छोटे स्तर पर बढ़ावा दे रहे हैं जिससे इस बिजनेस का भविष्य हाल-फिलहाल अव्वल नजर आ रहा है।

 

एक बाजार शोध रपट के मुताबिक, वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार घोषित जनसंख्या के अविवाहित आंकड़ों में से तकरीबन आधी संख्या 2018 में ऑनलाइन डेटिंग कंपनियों की उपभोक्ता बन चुकी है, जिसके जरिए इस वर्ष में अब तक की कमाई लगभग 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर से ज्यादा रही है। आने वाले वर्षों में 2021 के जनगणना आंकड़े भी सामने आ जाएंगे जिससे इस कारोबार को कुछ नए आंकड़े भी मिल जाएंगे। बहरहाल, आने वाले चार वर्षों (न्यू इंडिया 2022) में इसके राजस्व में दस फीसदी से अधिक इजाफे की उम्मीद है।

 

दिलचस्प बात तो यह है कि ये संख्या अमेरिका के मुकाबले बेहद कम है, क्योंकि ऑनलाइन डेटिंग का बाजार वहां लगभग 60 करोड़ डॉलर है। कहने का तात्पर्य यह कि लाभ के मामले में भारत का ऑनलाइन डेटिंग का कारोबार, अमेरिका के मुकाबले बहुत कम है। इसलिए यदि उचित तरीके से ऑनलाइन डेटिंग के कारोबार में आगे बढ़ा जाएगा तो यहां भी रोजगार और बेहतर लाभ की पूरी सम्भावना नजर आ रही है।

 

यह ठीक है कि भारत में सामान्य लोग अब भी डेटिंग के मामले में ऑनलाइन विकल्प ढूंढ़ने से कतराते हैं और ऑफलाइन विकल्पों को ज्यादा तरजीह देते हैं। लेकिन एक सर्वे में पाया गया है कि यहां भी ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो बेझिझक ऑनलाइन डेटिंग का सहारा लेकर अपने लिए किसी स्थाई, अस्थाई साथी की तलाश में जुटे रहते हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भारत में सबसे प्रचलित ऐप टिंडर है जिसका एक महीने का राजस्व लगभग 1 से 2 करोड़ रुपये तक है। 

 

बताया जा रहा है कि आने वाले वक्त में ऑनलाइन डेटिंग कंपनियां स्थानीय भाषाओं में भी अपने प्रॉडक्ट्स को विधिवत लॉन्च करेंगी जिससे इस बाजार में और तेजी देखने को मिलेगी, जो शुभ संकेत है। देखा जाए तो ट्रूलीमैडली जैसे मोबाइल ऐप्स यह दावा करते नहीं अघाते कि उनके अधिकतर यूजर्स 'टॉप 10' शहरों से आते हैं, जिनमें छात्रगण और नौकरीपेशा लोग भी बड़े पैमाने पर शामिल हैं।

 

एक अनुमान के मुताबिक, भारत में लड़के इस प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल लड़कियों के मुकाबले ज्यादा करते हैं जो कि चिंता की बात है। हालांकि इसके पीछे भारतीय संस्कार भी एक बड़ी वजह हो सकते हैं। इस कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय भाषाओं में ऐप्स को लॉन्च करके इस संख्या में आसानी से वृद्धि की जा सकती है। यह भी संभव है कि 2022 तक ऑनलाइन डेटिंग कंपनियों के बाजार में दुगुनी या फिर उससे भी अधिक तेजी आ जाए।

 

ऐसा इसलिए कि युवाओं के नाजुक दिल टूटने से भी ऐसी ऐप्स कम्पनियों को ज्यादा फायदा होता है, क्योंकि ऐसा होने पर अमूमन यूजर दोबारा ऐसे ऐप को इस्तेमाल करता है। लेकिन एक बार स्थाई साथी की तलाश पूरी हो जाने पर यूजर ऐसे किसी भी ऐप का इस्तेमाल करना बंद कर देता है। यह स्थिति किसी भी कंपनी के लिए घाटे का सौदा होता है। वास्तव में, यह एक ऐसी जोखिम है जिस पर ऑनलाइन डेटिंग का पूरा बाजार ही टिका हुआ है। इसलिए यदि आप नए उद्यमी हैं तो अपना हर कदम फूंक फूंक का आगे बढ़ाइए, ताकि मुनाफा आपके कदम चूमे।

 

-कमलेश पांडे

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