Turn Pain to Power: ब्रेकअप के दर्द को बनाएं अपनी सुपरपावर और शुरू करें नई जर्नी

By एकता | Aug 18, 2025

रिश्ते भी लाइफ की तरह रोलर कोस्टर राइड हैं, कभी हाई तो कभी लो। हाई वाले मोमेंट्स में तो सबको मजा आता है, लेकिन जब नीचे की तरफ गिरावट आती है, तब असली टेस्ट शुरू होता है। वही टाइम होता है जब रिश्ता टूटता है, इंसान बदलता है और जिंदगी हमें झकझोर देती है। अगर आप भी उस फेज से गुजर रहे हैं, जहां ब्रेकअप का दर्द दिल को तोड रहा है, तो यह आपके लिए है। यहां हम बता रहे हैं कि कैसे आप अपने पेनफुल दिनों को अपनी सबसे बडी स्ट्रेंथ में बदल सकते हैं और खुद को और भी पावरफुल बना सकते हैं।


अपनी कहानी खुद लिखो

साइकॉलजिस्ट्स ब्रेकअप के बाद लोगों को जर्नल या नोट्स लिखने की सलाह देते हैं। उनका मनना है कि जब आप अपने जर्नल या नोट्स में अपनी कहानी वैसे लिखते हैं जैसे आप चाहते हैं, तो इससे आपको दिमाग खुद ही हीलिंग मोड में चला जाता है। जर्नल या नोट्स लिखते समय हर इमोशन फील करने की कोशिश करें, इससे आपका दिल हल्का हो जाएगा। धीरे-धीरे आप गिल्ट ट्रैप और ब्रेकअप के दर्द से निकल जाएंगे।

 

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दर्द को क्रिएटिविटी में बदलो

ब्रेकअप के दर्द से बाहर निकलना है तो आपको जो भी अच्छा लगता है, उसे करना शुरू करें। डांस, म्यूजिक या और कुछ, आपको जिस चीज की वाइब अच्छी लग रही है, वो करें। जब भी मन उदास लग रहा है, डांस करें या दिल खोल का गाना गा लें। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि दर्द से पैदा हुई क्रिएटिविटी ज्यादा ताकतवर होती है और ये बात बहुत से आर्टिस्ट्स और राइटर्स साबित कर चुके हैं, जिनके सबसे बेहतरीन काम दिल टूटने के बाद सामने आए हैं।


माइक्रो एडवेंचर पर निकलो

रिश्ता टूटने के बाद दिमाग उसी पुराने रूटीन में फंसा रहता है। न्यूरोलॉजी रीसर्चर कहते हैं कि छोटी-छोटी नई चीजें (जैसे अकेले कैफे जाना, अकेले मूवी देखकर आना, वीकेंड पर कहीं चले जाना) दिमाग के सिस्टम को रीसेट कर देती हैं। इससे जिंदगी में नयापन आता है, जो कॉन्फिडेंस को बूस्ट करता है।

 

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शैडो वर्क ट्राई करें

शैडो वर्क का मतलब है अपने अंदर झांकना, जो ब्रेकअप के तुरंत बाद थोड़ा गहरा लग सकता है। लेकिन अगर आपके ब्रेकअप को कुछ समय बीत गया है और आपके लिए तैयार है तो इसे जरूर ट्राई करें। अपने अंदर के उन हिस्सों को पहचाने, जिन्हें आप आमतौर पर इग्नोर कर देते हैं, जैसे, डर, गुस्सा और संदेह। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आगे बढ़ने के लिए अपने अंदर के डर, गुस्से और संदेह की वजहों का पता लगाएं और इन फीलिंग को स्वीकार करें। ये फीलिंगस बुरी नहीं हैं, ये एक तरह के संकेत हैं, जो आपको याद दिलाते हैं कि आगे बढ़ने के लिए खुद पर काम करना जरुरी है।

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