चुनौतियों का सामना करने के लिए हो रहा ''मालाबार'' अभ्यासः अमेरिका

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 18, 2017

वाशिंगटन। भारत, जापान और अमेरिका अपने ‘‘साझा मूल्यों तथा हितों’’ को लेकर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और उनका त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘मालाबार’ ‘‘21वीं सदी की चुनौतियों’’ से निपटने के लिए नौसेनाओं की क्षमता बढ़ा रहा है। अमेरिकी सांसद जैक्वीन कास्त्रो ने यह बात कही है। इस वर्ष 10 जुलाई से बंगाल की खाड़ी में हुए पांच दिवसीय अभ्यास में 95 विमानों, 16 पोतों और दो पनडुब्बियों ने हिस्सा लिया। मालाबार के 21वें संस्करण का आयोजन ऐसे वक्त में किया गया है जब चीन का रूख ज्यादा आक्रामक हो गया है और हिन्द महासागर में उसकी पनडुब्बियों की गश्त बढ़ गयी है।

 

चीन ने हाल के वर्षों में हिन्द महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं और श्रीलंका, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान में बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है। पेंटागन के अनुसार, समय के साथ-साथ मालाबार अभ्यास का विस्तार हुआ है और उसकी जटिलता बढ़ी है। वह हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा खतरों से निपटने में सक्षम हुआ है। सदन के विदेश मामलों की समिति तथा खुफिया मामलों पर सदन की प्रवर समिति के सदस्य, और अमेरिका-जापान कॉकस के सह-अध्यक्ष कास्त्रो ने कहा कि वार्षिक नौसैनिक अभ्यास ऐसे वक्त में ‘‘हमारे देशों की नौसेना को साथ लाकर उनकी क्षमताओं का विकास कर रहा है, जब 21वीं सदी की चुनौतियां उभर रही हैं।’’

 

उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत और जापान के बीच साझेदारी क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि में बहुत योगदान देता है। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों देश साझा मूल्यों और हितों के कारण जुड़े हुए हैं और लोकतंत्र आधारित सिद्धांतों तथा नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’’

 

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