By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 24, 2020
बमाको। माली के राष्ट्रपति को सत्ता से बेदखल करने वाली सैन्य जुंटा अगले तीन साल तक चुनाव नहीं कराना चाहता है। असैन्य सरकार की तत्काल वापसी के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा डाले जा रहे दबाव के बीच एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। वार्ता में हिस्सा ले रहे अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि तख्ता पलट का नेतृत्व करने वाले सैन्य अधिकारी चुनाव कराने से पहले एक नया संविधान चाहते हैं। जुंटा के इस प्रस्ताव को पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय मध्यस्थों और पूर्व उपनिवेशवादी फ्रांस द्वारा खारिज कर दिये जाने की उम्मीद है। यह 2012 में ऐसे ही एक तख्तापलट के बाद चुनाव कराने में लगे समय के दो गुने से भी ज्यादा है और इससे लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति को हटाने वाले सैनिकों को वर्षों तक सत्ता में बने रहने का समय मिल जाएगा।
मध्यस्थता कर रहे 15 देशों के क्षेत्रीय समूह ईसीओडब्ल्यूएएस जुंटा पर लगातार दबाव डाल रहा है कि वह शासन असैन्य संक्रमणकालिक सरकार को सौंप दे। शुरू में वे राष्ट्रपति इब्राहीम बूबकर कीता को राष्ट्रपति के तौर पर फिर से बहाल करने की मांग कर रहे थे लेकिन इसकी संभावना माली में तख्तापलट करने वालों को मिल रहे जनसमर्थन को देखते हुए कम ही है। वार्ता में हिस्सा ले रहे एक अधिकारी ने संकेत दिया कि कीता को रिहा करने की दिशा में कुछ गतिविधि हो रही है जो एक हफ्ते पहले हुए तख्तापलट के बाद से ही माली के प्रधानमंत्री के साथ हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि विकल्प के तौर पर उन्हें उन्हें काती में सैन्य बैरकों में भेजने की जगह बमाको में ही उनके आवास पर निगरानी में रहने की इजाजत दी जा सकती है।