Matrubhoomi: भारत की 5 महिला जासूस जो दुश्मन के खेमे में घुसकर जुटाती थी अहम जानकारियां

By निधि अविनाश | Apr 19, 2022

भारत की आजादी के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों और वीर सैनिकों ने अपनी जान गंवाई। इसमें भगत सिंह और सुभास चंद्र बोस जैसे सेनानियों के नाम तो आप बखूबी से जानते होंगे लेकिन इन सब के बीच हम ऐसे कई नायकों को जानते ही नहीं है जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर भारत का समर्थन किया और अपने जीवन का बलिदान दे दिया। इनमें ऐसी कई महिलाएं है जिन्होंने अपनी जासूसी के दम पर ऐसी कई महत्वपूर्ण सूचनाएं एकत्रित की और भारत को आजाद करने में मदद की। जासूसी करना एक बहुत ही बहादुरी का काम होता है जो हर किसी के बस की बात नहीं होती है। हालांकि, हमारे देश की इन महिलाओं ने साबित किया कि जब देश की सेवा करने की बात आती है तो कोई जेंडर मायने नहीं रखता है। तो आइये जान लेते हैं ऐसी ही कुछ महिलाओं के बारे में जिन्होंने बिना सोचे-समझे बेखौफ दुश्मन के इलाकों में कदम रखा और खुशी-खुशी अपने जीवन का बलिदान कर दिया। 

सरस्वती राजमणि

भारत की सबसे कम उम्र की महिला जासूस सरस्वती राजमणि एक समृद्ध परिवार से आती थी। वह सिंगापुर में आजाद हिंद फौज में शामिल हुई और महज 16 साल की उम्र में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ओजस्वी शब्दों से प्रेरित होकर आजाद भारत की लड़ाई में शामिल हो गई। सरस्वती अपनी दोस्त दुर्गा के साथ  ब्रिटिश सिपाहियों के खेमे में घुसी और सूचना एकत्रित किया। इस बीच उन्होंने अपने बालों को भी पूरा काट दिया था और लड़का बनकर ब्रिटिश के खेमे में रहने लगी। बता दें कि सरस्वती राजमणि अंग्रेज़ सिपाहियों के कपड़े धोती, जूते पॉलिश करती थी और इस दौरान उन्होंने कई अहम जानकारियां जुटाईं थी।

अज़ीज़न बाई

पेशे से वेश्या और डांसर अज़ीज़न बाई ने भी भारत की आजादी के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। वह नाना साहिब और तांत्या टोपे से बहुत प्रभावित थी और इसलिए अज़ीज़न बाई के यहां आने वाले अंग्रेज़ी सिपाहियों से वो अहम जानकारियां लेकर स्वतंत्रता सेनानियों तक पहुंचाती थी। बताया जाता है कि अजीनन बाई लड़कों की तरह तैयार होती थी और साथ में हमेशा एक पिस्तौल रखती थी। कहा जाता है कि अजीनन बाई ने गुपचुप तरीकों से कई अंग्रेज़ी सिपाहियों को मौत के घाट उतारा था।

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सहमत खान

आपने 2018 में आलिया की फिल्म राजी तो देखी होगी। यह फिल्म रीयल लाइफ सहमत खान के जीवन पर आधारित है। सहमत खान एक कश्मीरी महिला थी जो अंडरकवर एजेंट बनकर पाकिस्तान पहुंची थी। 1971 के भारत -पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इस युद्ध के दौरान पाकिस्तान आईएनएस विराट को ध्वस्त करने की फिराक में था जिसका पता सहमत ने लगा लिया था और सही समय पर इसकी जानकारी भारतीय अफसरों को दी थी। सहमत की वजह से भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी रैंजर्स को चखमा दिया था और युद्ध में बड़ी क्षति टल गई थी।

नूर इनायत ख़ान

नूर इनायत ख़ान द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन की सिक्रेट एजेंट थी। वह पहली महिला थी, जिन्हें रेडियो ऑपरेटर नाज़ी द्वारा कब्ज़े में लिए गए फ्रांस में भेजा गया था उन्हें जर्मन सेना की योजना का पता लगाने के लिए भेजा गया था। 

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दुर्गावती देवी

दुर्गावती देवी को भगत सिंह से जुड़ी हर फ़िल्म में दिखाया गया है। दुर्गा अक़सर भगत सिंह और अन्य साथियों की सहायता करती थी। अंग्रेज़ों को पागल बनाने के लिए एक बार उन्होंने ख़ुद को भगत सिंह की पत्नी का भी भेष रचा था। जब 500 पुलिसवाले भगत सिंह के पीछे पड़ गए थे तब दुर्गा ने उन्हें भागने में सहायता की थी।

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