BJP में दलित, OBC हमेशा ही RSS के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे: मायावती

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 24, 2017

वड़ोदरा। बसपा प्रमुख मायावती ने समाज के कमजोर तबकों के वोटों के लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के ओबीसी एवं दलित नेता के ‘पीएम’ या ‘सीएम’ बन जान के बाद भी वे हमेशा ही आरएसएस के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे। मायावती ने मोदी के गृह राज्य में चुनावी बिगुल फूंकते हुए आरोप लगाया कि भाजपा जातिगत भेदभाव में यकीन रखती है। बसपा प्रमुख ने यह चेतावनी भी दी कि यदि हिंदू धार्मिक नेता दलितों के प्रति अपना रवैया नहीं बदलेंगे, तो वह और उनके समर्थक बौद्ध धर्म अपना लेंगे।

 

उन्होंने कहा कि यहां तक कि यदि भाजपा एक दलित या ओबीसी नेता को पार्टी प्रमुख या मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बना देती है तो भी वे हमेशा ही जातिवादी और सांप्रदायिक आरएसएस के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे। साथ ही पिछड़े वर्गों के लिए ज्यादा कुछ कर पाने में सक्षम नहीं होंगे। मायावती ने कहा, ‘‘यदि हिंदू संतों और शंकराचार्यों ने दलितों के प्रति अपना व्यवहार और रवैया नहीं बदला, तो मैं और मेरे समर्थक बौद्ध धर्म अपना लेंगे। ’मायावती की ओर से भाजपा पर यह हमला ऐसे दिन किया गया है जब गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने शहर में अंबेडकर संकल्प भूमि स्मारक परियोजना की आधारशिला रखी। मायावती ने ‘महासंकल्प दिवस’ के शताब्दी वर्ष के मौके पर आयोजित एक रैली में कहा, ‘‘मोदी स्वयं को ओबीसी कहते हैं लेकिन उन्होंने इस वर्ग के लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया। वह अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल दलितों का वोट जुटाने के लिए कर रहे हैं।’’

 

बसपा प्रमुख ने कहा कि 23 सितम्बर 1917 को वह दिन था जब अंबेडकर ने लगातार भेदभाव और अपमानों के चलते वडोदरा में अपनी नौकरी छोड़ने का निर्णय किया। मायावती ने भाजपा के वैचारिक संरक्षक आरएसएस पर तीखा हमला बोला। मायावती की पार्टी बसपा उत्तर प्रदेश में चुनावी हार के बाद हाशिये पर चली गई है। उन्होंने मोदी पर तीन वर्षों में दलितों के लिए ‘‘कुछ भी नहीं करने’’ का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने गृह राज्य में चुनाव के मद्देनजर समुदाय के लिए कई वादे कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में राजग के सत्ता में आने के बाद भाजपा शासित राज्यों में कमजोर वर्गों के खिलाफ कथित अत्याचार बढ़ गए हैं।

 

उन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही राज्यसभा की अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने के अपने निर्णय का बचाव करने के लिए अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में इस वर्ष के शुरू में हुई जातीय हिंसा का उल्लेख किया । इससे पहले रूपानी ने स्मारक की आधारशिला रखी जिसका निर्माण वडोदरा नगर निगम द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दलितों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए सरकार को विशेष चिंता है।