मेरठ। विधानसभा चुनाव-2022 के दृष्टिगत पश्चिम के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। शुरुआत पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर होगी। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि अगर चुनाव में सफलता पानी है तो इस वर्ग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसी के चलते अब भाजपा ने प्रबुद्धजनों का मन और संजीदगी टटोलने का खाका तैयार किया है।प्रबुद्ध वर्ग समाज को दिशा देने का काम करता है। इसलिए यह जरूरी है कि विधानसभा क्षेत्र में निवास करने वाले प्रबुद्ध जनों की सूची बनाने में बेहद सतर्कता बरती जाए। शिक्षा, चिकित्सा, इंजीनियरिग सहित अन्य सभी क्षेत्रों से जुड़े प्रबुद्ध जनों की सम्मेलन में सहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए मानीटरिग एवं संचालन समिति को सक्रिय करने के निर्देश भी दिए।
विपक्षी दांव-पेंच से दूर रखने की मंशा से ही सत्ताधारी दल भाजपा ने हर विधानसभा क्षेत्र में प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित करने की रूपरेखा बनाई है।विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बेहद गंभीर भाजपा, की खास बात यह है कि शुरुआत पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर करने जा रही है । एक पखवाड़े तक चलने वाले इन प्रबुद्धजन सम्मेलनों का आधार जातीय नहीं,बल्कि पेशा होगा। इसके साथ ही भाजपा एक-एक बूथ जीतने की रणनीति पर भी बेहद सक्रिय होकर लगातार काम कर रही है,इसी तरह रणनीति पार्टी ने बनाई है। बूथ समितियों का सत्यापन चल रहा है। पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने बताया कि ये सम्मेलन सभी विधानसभा क्षेत्रों में किए जाएंगे। इसके लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी भी सौंपी जा चुकी है। सभी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
उप्र में 2022 विधानसभा चुनाव में अलग-अलग जाति-वर्गों का वोट जुटाने के लिए सभी दल प्रयासरत हैं। अपने-अपने समाज में प्रभाव रखने वाले नेताओं को जोड़कर जातियों को साधने की जुगत है। उन्हें पदाधिकारी बनाया जा रहा है। भाजपा भी सरकार और संगठन में इसी गणित को संभालते हुए प्रतिनिधित्व दे रही है। बता दे कि सपा और बसपा ने भी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन किए। नाम भले ही प्रबुद्ध वर्ग हो, लेकिन सम्मेलन ब्राह्मण समाज के थे। यह दोनों दल अपने-अपने आधार वोट बैंक के साथ ब्राह्मण के बोनस वोट में अपनी जीत की सफलता देख रहे हैं। वहीं, अब भाजपा ने भी प्रबुद्धजन सम्मेलन करने का फैसला किया है।