मेरठ: संभावित करोना की तीसरी लहर से पहले स्वास्थ्य विभाग ने मॉक ड्रिल करके अस्पतालों की व्यवस्था के साथ रिस्पांस टाइम को भी परखा

By राजीव शर्मा | Sep 25, 2021

मेरठ,कोरोना की तीसरी लहर से पहले मेरठ मेडिकल कॉलेज में PICU, NICU में मॉकड्रिल हुई। शुक्रवार को लखनऊ से आई चिकित्सकों की टीम के निर्देशन में 4 CHC में मॉकड्रिल कर सुरक्षा व्यवस्था परखी गई। इस दौरान कोरोना पीड़ित के अस्पताल पहुंचने से लेकर उसे ICU में भर्ती करने में 10 मिनट का समय लिया। टीम ने इस रिस्पांड टाइम को घटाकर 7 मिनट करने का निर्देश दिया। बता दें कि मेरठ सहित प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में शुक्रवार को पीडियाट्रिक कोविड ICU में मॉकड्रिल की गई।


लखनऊ से मेरठ जांच के लिए आए संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी डॉ.ए के गुप्ता की टीम ने संभावित कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर तैयारियों की गहनता से पड़ताल करते हुए मेरठ में स्वास्थ व्यवस्थाओं को विस्तार से देखा। कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर की तैयारियों को परखने के लिए जिला चिकित्सालय और सीएचसी किठौर, सरधना, मवाना व हस्तिनापुर में भी शुक्रवार को मॉकड्रिल की गई।


मेरठ मेडिकल कॉलेज में 110 बेड के पीडियाट्रिक कोविड आईसीयू के मानकों की जांच की गई। कॉलेज में बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. विजय जायसवाल के निर्देशन में मॉकड्रिल हुआ।कोविड मॉकड्रिल के दौरान स्टाफ फैमिली के एक बच्चे को मरीज बनाकर अस्पताल में लाया गया। स्ट्रेचर पर बिठाकर मरीज को आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया। वहीं मॉकड्रिल में ऑक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर लगाने को देखा गया। मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में 20 वेंटिलेटर और 30 हाइ डिपेंडेंसी बेड बनाए गए हैं। अस्पताल के स्टॉफ, डॉक्टर और वार्ड ब्वॉय का रिस्पांस टाइम भी चैक किया गया।


मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ अशोक तालियान ने बताया कि मेडिकल कालेज में 110 बेडों के पीडियाट्रिक कोविड आईसीयू के मानकों की जांच शुक्रवार को दोबारा मॉक ड्रिल की गई।इससे पहले पिछले महीने भी मॉकड्रिल की गई थी।


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