By Ankit Jaiswal | Nov 28, 2025
वैल्यू-फोकस्ड ई-कॉमर्स कंपनी मीशो ने अपना प्राइस बैंड 105 से 111 रुपये प्रति शेयर तय किया है, जिसके बाद कंपनी का वैल्यूएशन ऊपरी स्तर पर लगभग 50,095.75 करोड़ रुपये पहुंच रहा है। बता दें कि मनीकंट्रोल ने 21 नवंबर को सबसे पहले रिपोर्ट किया था कि मीशो अपने आईपीओ के लिए करीब 5.93 अरब डॉलर यानी लगभग 52,500 करोड़ रुपये के पोस्ट-मनी वैल्यूएशन का लक्ष्य रख रहा है, अगर पूरी तरह डायल्यूटेड शेयरों को शामिल किया जाए तो।
मौजूद जानकारी के अनुसार कंपनी के शुरुआती निवेशकों और दोनों को-फाउंडर्स के लिए यह लिस्टिंग किसी बड़े आर्थिक लाभ से कम नहीं है। मीशो के सह-संस्थापक विदित आत्रेय और संजीव कुमार, जिनके पास मिलाकर करीब 18.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, इस संभावित लिस्टिंग से अभूतपूर्व रिटर्न हासिल करने की स्थिति में हैं।
विदित आत्रेय, जो कंपनी के चेयरमैन और सीईओ भी हैं, लगभग 47.25 करोड़ शेयर रखते हैं, जो करीब 11.1 प्रतिशत हिस्सेदारी बनती है। गौरतलब है कि उन्होंने ये हिस्सेदारी औसतन केवल 0.06 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से हासिल की थी। अब प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर पर इसका मूल्य 5,245 करोड़ रुपये तक पहुंच रहा है, जो पहले की लगभग 2.84 करोड़ रुपये की वैल्यू की तुलना में 1,800 गुना से अधिक बढ़ोतरी है।
वहीं कंपनी के को-फाउंडर और सीटीओ संजीव कुमार के लिए भी यह लिस्टिंग उतनी ही फायदेमंद साबित हो रही है। उनके पास 31.57 करोड़ शेयर यानी लगभग 7.41 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसे उन्होंने औसतन मात्र 0.02 रुपये प्रति शेयर की दर से खरीदा था। नए वैल्यूएशन के हिसाब से उनकी हिस्सेदारी अब 3,504 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है, जबकि पहले इसकी कीमत मात्र 63 लाख रुपये के करीब थी। यानी उनके निवेश में लगभग 5,500 गुना की चौंकाने वाली बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
गौर करने वाली बात यह भी है कि मीशो पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से उभरता हुआ ऐसा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन गया है, जिसने फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे दिग्गजों के बीच भी अपनी मज़बूत पहचान बनाई है। कंपनी के जल्द आने वाले आईपीओ से बाजार में और हलचल दिखने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि निवेशक लंबे समय से इस लिस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच संस्थापकों और शुरुआती निवेशकों को मिलने वाला यह भारी रिटर्न स्टार्टअप जगत के लिए भी एक बड़ा संकेत माना जा रहा है कि भारत का डिजिटल कॉमर्स सेक्टर लगातार परिपक्व हो रहा है और बेहतर अवसर पैदा कर रहा है, जैसा कि विश्लेषक मानते हैं।