मध्य प्रदेश रतलाम निवासी दंपति के पास से बरामद हुई लाखों की नकली भारतीय मुद्रा, आरोपी के पास था पत्रकार संगठन का परिचय पत्र

By दिनेश शुक्ल | Mar 18, 2021

रतलाम। गुजरात की भुज पुलिस ने मध्य प्रदेश में रतलाम जिले के रहने वाले एक दंपत्ति को 12 लाख से अधिक की नकली भारतीय मुद्रा के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास एक पत्रकार संगठन का कार्ड भी बरामद किया गया है, जो नकली बताया गया है। जिस पर रतलाम के एक इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी का फोटो लगा है। वह भी फर्जी है। आरोपी दंपत्ति राहुल पिता गोपाल कसेरा एवं मेघा पति राहुल कसेरा जो  कि रतलाम कसारा बाजार के निवासी है। जिनके पास से 12 लाख 10 हजार 500 रुपये के नकली भारतीय मुद्रा बरामद हुई। जिनमें 2 हजार रुपये 574 नोट एवं 500 रुपये के 125 नोट शामिल है। 

 

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जानकारी के अनुसार इस दंपत्ति ने गुजरात के भुज में आधा दर्जन से अधिक स्थानों से लगभग 52 हजार रुपये की सामग्री खरीदी। कुछ व्यापारियों ने पड़ताल की तो नोट नकली निकले। संदेह होने पर व्यापारियों ने अपने यहां सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखे और फोटो सहित इसकी जानकारी भुज सिटी पुलिस को दी। जिन्हें पुलिस ने बाद में हुलिये के आधार पर रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया। वही यह भी पता लगा है कि दोनों आरोपीयों ने पहले अपना नाम रवि गुप्ता और विभा गुप्ता बताया और खुद को होम अप्लायंसेस रतलाम का बड़ा व्यापारी बताया और पुष्टि के लिए प्रेस कार्ड भी बताया। कार्ड पर मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ प्रिंट होकर निवासी जय भारत नगर रतलाम लिखा हुआ है। जिसमें अखबार का नाम जन-जन जागरण लिखा हुआ है। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने अपना असली ना राहुल कसेरा एवं मेघा कसेरा बताया। इनसे पुलिस ने कार भी बरामद की है।

 

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आरोपियों ने गुजरात पुलिस को पूछताछ में बताया कि मध्य प्रदेश में नकली नोट छापे जाते है। जिन्हें प्रसारित करने के लिए वे दूर-दूर जाते थे। कार भी पुलिस ने बरामद की है, जो परिवहन विभाग ने मेहुल पिता राहुल कसेरा के नाम दर्ज होना बताया है। प्रेस कार्ड में जो फोटो लगा है वह रतलाम की फर्म रुपयान स्टोर्स के संचालन रवि गुप्ता का है, जिन्होंने खंडन करते हुए कहा कि यह कार्ड उनका नहीं है। जबकि मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष शरद जोशी ने आरोपितों के पास से बरामद कार्ड को फर्जी बताया तथा कहा कि इस प्रकार का कार्ड संगठन के पास है ही नहीं और ना ही किसी को जारी किया गया है। उक्त व्यक्ति संघ का ना तो अभी सदस्य और ना ही पूर्व में कभी रहा। संगठन में ब्लाक,तहसील और जिला स्तर पर छानबीन के बाद ही सदस्यता दी जाती है। जोशी ने कहा कि पत्रकार संगठनों केे सदस्यता की सख्ती से जांच की जाना चाहिए ताकि फर्जी कार्डों और नामधारी पत्रकारों की धरपकड़ की जा सके। उन्होंने मिलते-जुलते नाम से बने संगठनों के पंजीकरण पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है और इसे जांच का विषय भी बताया।